बिहार : 10 लाख नौकरी देने वाली कलम टूट गई या स्याही खत्म हो गई - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 9 दिसंबर 2022

बिहार : 10 लाख नौकरी देने वाली कलम टूट गई या स्याही खत्म हो गई

  • चाचा-भतीजा के साथ आने पर 3 में से 2 चुनाव हार चुके हैं, एक जगह जहां जीते, वहां बाहुबल का मामला था

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जन सुराज पदयात्रा के 69वें दिन पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, "तेजस्वी यादव लालू यादव के बिना कुछ भी नहीं हैं। जिस चाचा-भतीजा के बारे में आप बात कर रहे हैं वो जनता के साथ सिर्फ धोखा कर रहे हैं। जब से ये चाचा-भतीजा सत्ता में आए हैं तब से तीन उप-चुनाव हुए हैं, जिसमे दो में हार का सामना करना पड़ा है। एक चुनाव जीते, क्योंकि वो बाहुबली की सीट थी। उप-चुनाव तो इनसे जीता नहीं जाता, ये मुझे चुनाव लड़ना क्या सिखाएंगे। 2015 में मैंने इनकी मदद नहीं की होती तो क्या महागठबंधन को जीत हासिल होती?" तेजस्वी यादव पर हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को राजनीति की कितनी समझ है? 2015 में विधायक बने इससे पहले इनको कौन जानता था? बिहार के जनता ने इनको नहीं चुना है। उन्होंने 10 लाख नौकरी का जो वादा किया था उसका क्या हुआ? पत्रकार भी कभी उनसे सवाल पूछने का हिम्मत नहीं करते। उन्होंने यह भी कहा था कि पहली कैबिनेट में  जिस कलम से साइन करेंगे उससे दस लाख लोगों को नौकरी मिल जाएगी। पत्रकारों ने भी RJD के नेताओं से कभी नहीं पूछा कि कलम टूट गई है या स्याही सुख गई है? कैबिनेट मीटिंग भी इसपर नहीं हो रही है। नीतीश कुमार आखिरी बार प्रेस वार्ता कब किए हैं यह किसी को याद भी नहीं है। नीतीश कुमार से भी कोई पत्रकार सवाल नहीं पूछता।

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