बिहार : पेंशनभोगी महंगाई भत्ते के साथ मूल पेंशन 7500 रुपये मासिक करने की मांग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 31 जनवरी 2023

बिहार : पेंशनभोगी महंगाई भत्ते के साथ मूल पेंशन 7500 रुपये मासिक करने की मांग

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पटना। आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाना है। साल 2023 के बजट को लेकर हर राज्य और देश का नागरिक आस लगाए हुए है।  लोगों को बजट में राहत मिलने की उम्मीद है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की पेंशन योजना ईपीएस- 95 के दायरे में आने वाले कर्मचारी भी बजट से काफी उम्मीदें लगाए हुए हैं। इन कर्मचारियों को उम्मीद है कि योजना के तहत न्यूनतम पेंशन राशि को बढ़ाने की घोषणा की जा सकती है। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने 2014 में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की सामाजिक सुरक्षा योजना ईपीएस-95 के तहत ईपीएस-95 के अंदर आने वाले कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन 1,000 रूपए किया था। इसके बाद बढ़ोतरी पर ब्रेक लग गया है। जानलेवा कोरोना काल के कहर से परेशान पेंशनभोगी को लंबित मांगों को पूरी नहीं किये। जनवरी के महीने में केवल एक दिन बचे हैं और आने वाले दिनों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहे हैं। फरवरी की पहली तारीख कई चेंज लेकर आएगी। इन बदलावों का सीधा असर आपकी जेब पर होगा। यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले का लास्ट फुल बजट भी एक फरवरी को जारी होने वाला है। ऐसे में लोगों को इस बजट से काफी सारी उम्मीदें हैं। 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) के संयोजक कमांडर अशोक राउत ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईपीएस-95 के तहत आने वाले कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन 1,000 रूपए किया था। इसके बाद बढ़ोतरी पर ब्रेक लग गया है। जानलेवा कोरोना काल के कहर से परेशान पेंशनभोगी को लंबित मांगों को पूरी नहीं किये। उन्होंने कहा कि अपनी मांगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ईपीएस पेंशनभोगियों को मिलने वाली बहुत कम पेंशन राशि और उसके कारण उनकी दुर्दशा के बारे में अवगत कराया। राउत ने दावा किया कि तीस-तीस साल काम करने और ईपीएस आधारित पेंशन मद में निरंतर योगदान करने के बाद भी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में अधिकतम 2,500 रुपए ही मिल रहे हैं। इससे कर्मचारियों और उनके परिजनों का गुजर -बसर करना कठिन है।  राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) के संयोजक  कमांडर अशोक राउत हैं। इस समय ईपीएएस- 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा भविष्य निधि में जाता है। वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है। इसके अलावा पेंशन कोष में सरकार 1.16 प्रतिशत का योगदान करती है। अभी इस योजना के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये मासिक मिलती है। कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस-95 ) के तहत आने वाले पेंशनभोगी महंगाई भत्ते के साथ मूल पेंशन 7500 रुपये मासिक करने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा पेंशनभोगियों के पति या पत्नी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं और ईपीएस 95 के दायरे में नहीं आने वाले रिटायर्ड कर्मचारियों को भी 5,000 रुपये मासिक पेंशन देने की मांग हो रही है। अगर सरकार इन मांग को मान लेती है तो करीब 65 लाख रिटायर्ड कर्मचारियों को फायदा मिलने की उम्‍मीद है।

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