मधुबनी : ‘अंतरा’ इस्तेमाल पर एएनएम को दिया गया प्रशिक्षण - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 27 जनवरी 2023

मधुबनी : ‘अंतरा’ इस्तेमाल पर एएनएम को दिया गया प्रशिक्षण

  • जिले के प्रत्येक प्रखंड के 2 एएनएम ने किया प्रतिभाग 
  • अस्थायी साधनों में अंतरा है काफ़ी प्रभावी 
  • जिले से लेकर प्रखण्ड स्तर तक उपलब्ध है सुविधा             

Antara-anti-pregnancy-injection
मधुबनी/ 27 जनवरी :  गर्भनिरोधक सुई अंतरा के उपयोग को लेकर शुक्रवार  को जिले के सभी पीएचसी के - 2 एएनएम को पारा मेडिकल इंस्टिट्यूट राघोपुर बलाट रामपट्टी में प्रशिक्षण प्रदान किया गया. प्रशिक्षण के दौरान केयर इंडिया के द्वारा टेक्निकल सहयोग प्रदान किया गया वही प्रशिक्षण डॉ. आरएन चौधरी व डॉ शकील अहमद के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान ‘अंतरा’ गर्भनिरोधक इंजेक्शन के  उपयोग के लिए लक्षित लाभार्थी की योग्यता, इसके लाभ एवं जिले में इसकी उपलब्धता के विषय में जानकारी दी गयी. प्रशिक्षण के दौरान डॉ चौधरी ने बताया अंतरा महिलाओं के लिए एक सरल व सुरक्षित असरदार साधन है जिसमे प्रत्येक 3 महीने के अंतराल पर महिला को एक इंजेक्शन लेना होता है. इंजेक्शन से महिला के शरीर में हर माह अंडा नहीं बनता है. गर्भाशय की तैयारी के लिए के लिए गर्भाशय के अंदरूनी परत मोटी नहीं होती. गर्भाशय का मुख्य द्वार पर गाढ़ा स्राव जमा हो जाता है, जिससे शुक्राणु गर्भाशय में प्रवेश नहीं कर पाते. अगर सुई लगवाने में कोई भी गलती ना हो तो 100 में से एक से भी कम महिला ने गर्भाधान किया है यानी गर्भधारण रोकने में यह 99.7% प्रभावी होता है. तिमाही लगने वाली इंजेक्शन इसका पूरा नाम मेड्रोक्सी प्रोजेस्ट्रोन एसीटेट है.


एमपीए के साइड इफेक्ट :

प्रशिक्षण के दौरान डॉक्टर शकील अहमद ने बताया गया की इंजेक्शन लगवाने के बाद शुरू में कुछ छोटी-मोटी परेशानियां हो सकती है जैसे मासिक चक्र में परिवर्तन शुरू शुरू में कुछ माह तक महिला को दाग धब्बे लग सकते हैं और नियमित ढंग से खून आ सकता है या फिर महिलाओं को हर माह माहवारी आनी बंद हो जाती है. इससे  वजन में परिवर्तन होता है, सिर दर्द, चक्कर आना, मूड में परिवर्तन जैसे लक्षण हो सकते हैं.  अंतरा का प्रयोग बंद करने के कुछ माह बाद महिलाओं को पहले की तरह माहवारी होने लगती है और वह पुनः गर्भधारण कर सकती है


अंतरा है काफ़ी असरदार 

सिविल सर्जन डॉ ऋषि कांत पांडे  ने बताया अंतरा बहुत असरदार विधि है. एक इंजेक्शन से 3 महीने तक गर्भधारण की संभावना नहीं होती है. दूध पिलाती मां भी ले सकती है जिससे दूध की मात्रा और गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ता. ना ही शिशु पर कोई हानिकारक प्रभाव पड़ता है. महिला के लिए यह उपाय गोपनीय है यदि महिला ठीक 3 महीने बाद इंजेक्शन लगवाने नहीं आती तो निर्धारित तिथि से 14 दिन पहले 28 दिन बाद तक भी इंजेक्शन लगा सकती है


ये ले सकते हैं इंजेक्शन:

जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास ने बताया प्रजनन काल की सभी उम्र की महिलाएं जिन्हें भी बच्चा नहीं है या एक या अधिक है एवं जिनका गर्भपात हुआ हो वह इसका इस्तेमाल कर सकती है.  जो धूम्रपान करती हो, जिन्हें खून की कमी हो, अनियमित मासिक धर्म बच्चेदानी का ट्यूमर, थायराइड रोग या टी. बी हो, शिशु को स्तनपान कराती हो अगर वह 6 हफ्ते या 43 दिन हो गए हो चुका हो तो ये सभी महिलाएं भी अंतरा इंजेक्शन लगवा सकती हैं


लाभार्थी एवं प्रेरक दोनों को प्रोत्साहन राशि :

बच्चों में अंतराल एवं अनचाहे गर्भ से बचाव के लिए नवीन गर्भ निरोधक- ‘अंतरा’ की शुरुआत की गयी है. ‘अंतरा’ एक गर्भ निरोधक इंजेक्शन है,  जिसे एक या दो बच्चों के बाद गर्भ में अंतर रखने के लिए दिया जाता है. इस तरह साल में चार इंजेक्शन दिया जाता है.  साथ ही सरकार द्वारा अंतरा इंजेक्शन लगवाने पर प्रति डोज या सूई लाभार्थी को 100 रूपये एवं उत्प्रेरक को भी 100 रूपये दिए जाने का प्रावधान है.

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