बिहार : कृषि वैज्ञानिक डॉ. अनूप दास ने निदेशक पूर्वी कृषि अनुसंधान परिसर की संभाली बागडोर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 6 फ़रवरी 2023

बिहार : कृषि वैज्ञानिक डॉ. अनूप दास ने निदेशक पूर्वी कृषि अनुसंधान परिसर की संभाली बागडोर

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पटना,  डॉ. अनूप दास ने 06 फरवरी को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के 5वें पूर्णकालिक निदेशक के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया है । डॉ. दास का वर्तमान कार्यकाल पांच वर्षो का होगा| ज्ञात हो कि डॉ. दास, कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल, नई दिल्ली की अनुशंसा पर अध्यक्ष, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा निदेशक के पद पर पदास्थिपित किये गए है | इस अवसर पर संस्थान के सभी वैज्ञानिकगण सहित प्रशासनिक एवं तकनीकी संवर्ग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने नवनियुक्त निदेशक को शुभकामनाएं दी| डॉ. दास ने बताया कि हमारे संस्थान एवं इसके केन्द्र कृषि प्रणाली का पहाड़ी एवं पठारी अनुसंधान केन्द्र, राँची; मखाना अनुसंधान केन्द्र, दरभंगा; कृषि विज्ञान केन्द्र, बक्सर एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, रामगढ़ संसाधन विहीन किसानों एवं अन्य हितधारकों लिए भूमि और जल ससांधनों के प्रबंधन, खाद्यान्‍न, बागवानी, जलीय फसलों, मात्स्यिकी, पशुधन और कुक्‍कुट, कृषि प्रसंस्‍करण तथा सामाजिक-आर्थिक पहलुओं पर अनुसंधान करते हैं, एवं वर्तमान में हमारे संस्थान बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, असम एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश राज्यों के लिए कार्य कर रहे हैं तथा भविष्य में और अधिक क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की दिशा में प्रयासरत् हैं | डॉ. दास ने बताया कि पूर्वी क्षेत्र में कृषि उत्पादन प्रणालियों की उत्पादकता में वृद्धि के लिए प्राकृतिक संसाधनों के कुशल समेकित प्रबंधन हेतु नीतिगत और अनुकूलनीय अनुसंधान का संचालन; खाद्यान्न , पोषण तथा आजीविका सुरक्षा हेतु कम उत्पादकता - उच्च क्षमता वाले पूर्वी क्षेत्र का उच्च उत्पादकता वाले क्षेत्र में रूपांतरण; मौसमी तौर पर जलमग्न तथा सदाबहार जल निकायों के जल का विविध उद्देश्यों के लिए उपयोग एवं पूर्वी क्षेत्र में नेटवर्क तथा कंसोर्शिया अनुसंधान को प्रोन्नत करना हमारे संस्थान का अधिदेश है | डॉ. दास ने किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से उद्यमिता और रोजगार सृजन के लिए कृषि में नवीनीकरण पर जोर दिया | उन्होंने यह भी बताया कि उनकी प्राथमिकता प्राकृतिक एवं जैविक खेती, परती धान के खेतों का प्रबंधन, कृषि की उत्पादकता बढ़ाने, ज्यादा से ज्यादा किसानों एवं अन्य हितधारकों तक नई तकनीकों की पहुँच, कृषि जलवायु संबंधी चुनौतियाँ, पोषक अनाज (श्री अन्न)) आदि जैसी महत्त्वपूर्ण विषयों पर रहेगी । इससे पूर्व  डॉ. दास भा.कृ.अनु.प. - उत्तर पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र अनुसंधान परिसर, उमियम मेघालय के त्रिपुरा केंद्र में प्रधान वैज्ञानिक के रूप में पदस्थापित थे। डॉ. दास ने कृषि विज्ञान के क्षेत्र में व्यापक रूप से अनुसंधान कार्य किया है एवं उन्होंने कई उच्च स्तरीय बैठकों एवं राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों का समन्वय किया है साथ ही कृषि क्षेत्र में उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है। डॉ. अनूप दास ने समेकित कृषि प्रणाली, संरक्षित कृषि, जैविक खेती और जलवायु अनुकूल कृषि के क्षेत्र में अग्रणी शोधकर्ता के रूप में कार्य किया, जिससे कम, मध्य और उच्च ऊंचाई के लिए कृषि-पारिस्थितिकी तंत्र विशिष्ट आई एफ एस (IFS) मॉडल, धान की संरक्षित कृषि आधारित उत्पादन तकनीक / मक्का - दलहन / तिलहन प्रणाली (धान/ मक्का परती प्रबंधन) का विकास हुआ | इस अवसर पर डॉ. दास  ने संस्थान के  सभी वैज्ञानिकगण सहित प्रशासनिक एवं तकनीकी संवर्ग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों यह आह्वान किया कि हम सब मिलकर संस्थान एवं देश के किसानों के लिए एकजुट होकर काम करेंगे |

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