मधुबनी : भाजपा की साम्प्रदायिक एवं ध्रुवीकरण की राजनीति को पराजित करो :- कॉ. यूसुफ तारीगामी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 21 फ़रवरी 2023

मधुबनी : भाजपा की साम्प्रदायिक एवं ध्रुवीकरण की राजनीति को पराजित करो :- कॉ. यूसुफ तारीगामी

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मधुबनी, भाजपा की सांप्रदायिक एवं ध्रुवीकरण की राजनीति को पराजित करो यह बातें सीपीआईएम केंद्रीय कमिटी सदस्य के मुख़्य वक्ता व जननेता एवं विधायक जम्मू काश्मीर कॉमरेड यूसुफ तारीगामी ने कम्युनिष्ट पार्टी मार्क्सवादी द्वारा मधुबनी नगर निगम के विवाह भवन में आयोजित सांप्रदायिकता विरोधी कन्ब्रेशन के दौरान अपने संबोधन के दौरान कहा। इससे पूर्व मधुबनी पहुंचने पर कॉमरेड यूसुफ तारीगामी का पार्टी के पदाधिकारियो ने मिथिला की परंपरा के अनुसार स्वागत किया। इस दौरान पार्टी के कार्यकताओं सें विवाह भवन खचाखच भरा रहा। मुख़्य वक्ता कॉमरेड युसुफ तारीगामी ने कार्यकताओं को संबोधित करते हूए कहा की भारत के बंटवारे के समय जब देश के अनेक हिस्से साम्प्रदायिकता की आग में जल रहे थे, काश्मीर पूरी तरह शांत था। "काश्मीरियों ने जिन्ना और सावरकर के द्विराष्ट्रवाद के सिद्धांत को अस्वीकार करते हुए धर्मनिरपेक्ष भारतीय गणराज्य के साथ रहने का संकल्प व्यक्त किया। गाँधी जी,भगत सिंह के देश में दुर्भाग्यवश आज देश की बागडोर सावरकर एवं गोलवरकर के सिद्धांतों में विश्वास करने वाले लोगों के हाथों में है। साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष में इनकी कोई भूमिका नहीं रही है। इसीलिए भाजपा आज राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़े राष्ट्रीय नायकों को अपने पाले में रखने के लिए देश के इतिहास, संस्कृति के साथ खिलवाड़ कर रही है। देश को साम्प्रदायिक रूप से विभाजित कर सार्वजनिक सम्पदा मुट्ठी भर चहेते पूँजीपतियों के हाथों में सौंपी जा रही है। देश के सबसे बड़े अमीर अदानी की कारगुजारी का भांडा फुटने से मोदी सरकार की घिनौनी करतूत सामने आ रही है। अदानी प्रकरण पर प्रधानमंत्री की चुप्पी, इस पूरे प्रकरण के निष्पक्ष जाँच की माँग करती है। कॉरपोरेट और साम्प्रदायिक तानाशाही सत्ता का घालमेल देश के धर्मनिरपेक्ष जनतांत्रिक एवं संवैधानिक ढाँचे के सामने सबसे बड़ी चुनौती है।पार्टी द्वारा आयोजित साम्प्रदायिकता विरोधी कन्वेंशन में कॉमरेड युसुफ तारिगामी ने सिर्फ देश की आर्थिक राजनीतिक स्थिति पर ही नहीं प्रकाश डाला,बल्कि विस्तार से जम्मू-कश्मीर में 370 एवं 35ए धाराओं के हटाने एवं जम्मू-कश्मीर को तीन अलग-अलग केन्द्र शासित प्रदेशों में बाँटने के बाद,की जनता के अकथनीय दुखों एवं संघर्षो से भी अवगत कराया।

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