कविता : घरेलू कामकाजी महिलाएं - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 12 मार्च 2023

कविता : घरेलू कामकाजी महिलाएं

महिलाएं सब काम करती हैं,


घर का सारा बोझ उठाती हैं,


घर की हर जिम्मेदारी को उठाती है,


वह अपने कंधो पर लेती है सारा बोझ,


मां ममता का रूप है प्यारा,


लड़की है औरत की छाया,


सुबह सवेरे जल्दी उठती,


घर के हर एक काम को पूरा करती,


बच्चे, बूढ़े और जवान,


सबका रखती वह ध्यान,


अपनी परवाह कभी न करती,


सबकी वह चिंता है करती,


मां ममता का रूप है प्यारा,


औरत है लक्ष्मी का साया।।





Vinita

विनीता

चोरसौ,गरुड़

बागेश्वर, उत्तराखंड

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