वर्ष 2023 को साल का पहला चंद्र ग्रहण कल 5 मई को लगेगा। 5 मई को बुद्ध पूर्णिमा के दिन लगने वाला यह चंद्र ग्रहण एक उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। इसमें चंद्रमा धुंधला दिखाई देगा लेकिन इसका कोई भाग कटा हुआ नजर नहीं आएगा। यह ग्रहण अगर आसमान साफ रहा तो पूरे भारत में दिखाई देगा। इसके अलावा यह यूरोप, एशिया के ज्यादातर हिस्से, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत,अटलांटिक,अंटार्कटिका और हिंद महासागर के देशों में नजर आएगा।. कल 5 मई का चंद्र ग्रहण 20 अप्रैल को लगे सूर्य ग्रहण के 15 दिन बाद वर्ष 2023 का दूसरा ग्रहण है। 05 मई 2023 को रात 8 बजकर 44 मिनट से चंद्र ग्रहण आरंभ होगा और इसका समापन देर रात 1 बजकर 2 मिनट पर होगा। भारत में चंद्र ग्रहण की कुल अवधि सवा चार घंटे की होगी। ग्रहण रात 10 बजकर 53 मिनट पर अपने चरम पर रहेगा और यह तुला राशि और स्वाती नक्षत्र में लगेगा। चंद्रमा मन का कारक है। इसलिए चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभाव से जातकों को मानसिक तनाव होने की संभावना रहती है। इन दुष्प्रभावों से बचने के लिए ग्रहण काल में मंत्रों का जाप करने की सलाह दी जाती है। चंद्र ग्रहण को आम तौर पर अशुभ माना जाता है क्योंकि यह मान्यता है कि जब राहु चंद्रमा को ग्रसता है तो चंद्रमा दूषित हो जाता है। चंद्र ग्रहण हमारे जीवन को प्रभावित करता है इसलिए चंद्र ग्रहण शुरु होने से 9 घंटे पहले ही सूतक काल लग जाता है। सूतक काल के दौरान पूजा, तुलसी में जल डालना, भोजन करना आदि वर्जित होता है। चूंकि भारत में उपछाया चंद्र ग्रहण दिखेगा, इसलिए यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा।
शुक्रवार, 5 मई 2023
5 मई को लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, जानें सबकुछ
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