पदयात्रा का संक्षिप्त प्रतिवेदन
लोकतान्त्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान के बैनर तले दो चरणों में पदयात्रा सम्पन्न हुआ.प्रथम चरण 05 फरवरी से 14 फरवरी तक और 03अप्रैल से 12अप्रैल तक पदयात्रा सम्पन्न हुआ.इस पदयात्रा में लगभग आधे दर्जन से अधिक जन संगठनों के लोग शामिल हुए.जिनमें गया किसान यूनियन, एकता परिषद, राष्ट्र सेवा दल,अर्जक संघ,तथा अम्बेडकर वादी समूह से भी शामिल हुए. कारू भाई ने बताया कि दो प्रखंड डोभी और बाराचट्टी के बीस पंचायत के लगभग 100 गांवों में पदयात्रा करके कवर किया गया.बताते चले कि बनारस कन्वेंशन में पारित 14 मुद्दो के इर्द-गिर्द ही बातें ही लोगो के बीच रखी जाती और उसी पर चर्चा को केंद्रित किए गए. केंद्र के द्वारा फैलाई गयी झूठ और नफरत, संविधान के उद्देश्य का उल्लंघन,गरीबों को मुफ़्त अनाज की रेवड़ी वाली योजना,किसानों के साथ के साथ अन्याय, अडानी,अम्बानी के आसपास देश की आर्थिक संकेन्द्रण ,लोकतांत्रिक व्यवस्था प्रणाली को धीरे-धीरे कमज़ोर करना,हिडन वर्ग का अडानी समूह के घोटाले पर से पर्दा हटाना आदि विषयों पर चर्चा होती थी.
लोगों की प्रतिक्रिया
नौजवानों में केंद्र के भूमिका को लेकर खासी नाराज़गी देखी गई. खासकर अग्निवीर योजना को लेकर. महिलाए पांच किलो मुफ़्त राशन पाकर खुश नजर आई.दलित युवा, योगी की योजना, पिछले चुनाव में दुगने राशन से सराहना कर रहे थे.60 साल से ऊपर के कुछ लोग मोदी के राममंदिर को अच्छा कदम मानते हैं.कुछ वृद्ध जनों को यह कहते पाया गया कि बहुत माथा पर चढ़ गया था मुसलमान उसे सबक सीखाना जरूरी था. मुश्लिम समुदाय दहशत में जी रहे हैं. पूछने पर सच बताने से डरते है.एक मुश्लिम महिला से पूछने पर बताई कि हम मोदी को वोट देंगे.जब उससे कहा गया कि नरेंद्र मोदी के आदमी तो सभी मुश्लिम को पाकिस्तान भेजने की बात कहते हैं.इस पर वह बोली कि मोदी को बालबच्चा नहीं है इसलिए वो ऐसा बोलते और बोलवाते हैं.भदया बाजार का हिन्दुओं ने बहिष्कार कर दिया था.रामनवमी के जुलूस पर आपत्ति करने पर तनाव बढ गया था.भदया का बाजार मुश्लिम बहुल इलाके में जीटी रोड के नजदीक है वर्षो से रविवार और बृहस्पतिवार को बाजार लगता है. बताते चले कि रामनवमीं के पहले बजरंग दल और भाजपाई लोग जगह-जगह यज्ञ कराकर रामनवमी में हिन्दूभावना को भड़काकर तनाव की स्थिति बनाई थी.कुछ मनचले मुश्लिम युवा जुलूस को रोककर उनसे उनसे जुलूस के बारे में अनुमति प्राप्त का कागज मांग लिया. इसी बात को लेकर तनातनी हो गई. नतीजा के तौर पर हिन्दू लोगों ने अलग बाजार लगाने का एलान कर दिया.इसी तनाव की स्थिति में 06 अप्रैल को भदया बाजार में आम सभा कर फिरकापरस्त ताकतों के झांसे में न आने की सलाह दी गई और गोडसे वादियों के मनसूबे को चकनाचूर करने का लोगों से आह्वान किया था. 14 फरवरी को शर्मा बाजार और 12 अप्रैल को बाराचट्टी प्रखंड मुख्यालय पर आम सभा कर समापन किया गया. कुछ स्थानीय मुद्दे पर भी चर्चा की गई.फायरिंग रेंज में मारे गए दंपति के परिवारों बनवारा गांव और गुलरबेद गांव में भी पदयात्री गये और उस मुद्दे पर भी अधिकारियों को घटना से अवगत कराया.
आगे की योजना
1.पदयात्रा की समीक्षा कर छूटे हुए प्रखंडों खासकर मोहनपुर, बोधगया, टनकुप्पा और वजीरगंज प्रखंडो की योजना बनाना.
2.किसान यूनियन की बैठक तथा महापंचायत आयोजन पर विचार विमर्श.
3. दो दिवसीय शिविर का आयोजन के लिए तिथि का निर्धारण.
4.लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण का मगध स्तरीय एक दिवसीय कन्वेंशन की तैयारी पर बात करना.
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