मंज़िल एक रास्ते हैं अनेक,
मंज़िल पाने वाले भी अनेक,
चाहे मंज़िल दूर हो, उसे पाना है,
चाहे रास्ते बंद हो जाये,
नये रास्ते ढूंढने हैं हमें,
मंज़िल हैं कोसो दूर,
जिस रास्ते पर चले,
सही रास्ते पर हम चले,
हर बार घटनाएं होती हैं,
मगर इनसे पीछा छुड़ा कर,
हम पहुंचेंगे अपनी मंज़िल तक,
चाहे वो कितनी भी दूर हो,
उसे लायेगें अपने तक,
हम चाहे थक जाएं,
मगर हार कभी नहीं मानेंगें,
वो हमारा हक है उसे पाकर रहेंगे,
अपने हौसलों को टूटने नहीं देंगे,
हासिल करके रहेंगे अपनी पहचान॥
कुमारी खुशबू
कक्षा-8 उम्र-13
पल्सो, उत्तराखंड
चरखा फीचर्स

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