बहुत सुंदर है मेरा गांव,
पहाड़ों की गोद में बसा है गांव,
ऊंचे नीचे पर्वत हैं यहां के,
हिमालय की सुंदर चोटियां यहां पर,
नीले आसमान की चादर ओढ़े,
कल कल करती नदियों की आवाज़ें,
सात सुरों की, सात सुरों सी आती हवाएं,
खुले गगन में उड़ते पंछी,
आजादी से पंख फैलाये पंछी,
मेरा भी मन करता है,
नीले गगन में उड़ने को,
मैं भी फैलाऊं अपने पंख उड़ने को,
और छू लूं कामयाबी की बुलंदियों को,
और कर जाऊं पार हर मुसीबत को॥
ख़ुशी खाती
कक्षा-6, उम्र-11
पिंगलो, उत्तराखंड
चरखा फीचर्स

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