सीहोर : भागवत कथा के चौथे दिन उत्साह के साथ पंडाल में मनाया श्रीराम और श्री कृष्ण का जन्मोत्सव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 28 नवंबर 2024

सीहोर : भागवत कथा के चौथे दिन उत्साह के साथ पंडाल में मनाया श्रीराम और श्री कृष्ण का जन्मोत्सव

  • भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद : कथा व्यास पंडित राघवेन्द्राचार्य महाराज

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सीहोर। शहर के चाणक्यपुरी स्थित श्री गोंदन सरकार धाम में श्री गोंदन सरकार हनुमान महाराज की असीम अनुकंपा एवं दिव्य संरक्षण द्वारा बह्मलीन अनंत श्री पंडित महावीर शरण चतुर्वेदी दद्दा की पावन पुण्य स्मृति प्रतिवर्षानुसार संगीतमय श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के चौथे दिन अयोध्याधाम से कथा का श्रवण करने पहुंचे कथा व्यास पंडित राघवेन्द्राचार्य महाराज ने कहा कि भगवान की लीला अपरंपार है। वे अपनी लीलाओं के माध्यम से मनुष्य व देवताओं के धर्मानुसार आचरण करने के लिए प्रेरित करते हैं। श्रीमदभागवत कथा के महत्व को समझाते हुए कहा कि भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है आवश्यकता है निर्मल मन ओर स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की। भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानन्द की प्राप्ति होती है। भागवत श्रवण प्रेतयोनि से मुक्ति मिलती है। चित्त की स्थिरता के साथ ही श्रीमदभागवत कथा सुननी चाहिए। भागवत श्रवण मनुष्य केे संपूर्ण कलेश को दूर कर भक्ति की ओर अग्रसर करती है।

 

उन्होंने श्रीकृष्ण जन्म से पहले सूर्यवंश के राजाओं का वर्णन सुनाया। राजा अमरीश, राजा मांधाता, राजा हरिशचंद्र, महाराज सगर, राजा असमंजस, राजा अंशुमान, राजा दलीप, राजा भागीरथ जो गंगा को लाया। गंगा अवतरण के प्रसंग में बताया कि गंगा ने राजा सगर के पुत्रों का उद्धार किया। राजा दलीप के नंदनी गाय की कृप्या से राजा रघु इनका पुत्र अज के राजा दशरथ और महाराजा दशरथ के राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघन का जन्म हुआ। बाद में रामचरित्र का वर्णन सुनाया। इन्हीं के साथ भगवान परशुराम का वर्णन सुनाया जिन्होंने पूरी पृथ्वी जीत कर वापस क्षत्रियों को राज सौंप दिया। कृष्ण जन्म पर कथा व्यास पंडित राघवेन्द्राचार्य महाराज ने बताया कि वसुदेव की पत्नी देवकी के यहां कंस की कारागार में श्रीकृष्ण अवतार हुए जो प्रभु सारे संसार का आधार है। वासुदेव ने देखा एक अद्भुत बालक पैदा हुआ भगवान अनुभव से ही समझ में आते हैं। भगवान आत्मारूप में बुद्धियों को दृष्टा और प्रेरक है। श्रीकृष्ण ने अपना दिव्य रूप दिखाया तथा तुरंत शिशु रूप हो गए। अंधेरी रात्रि को यमुना से निकल कर वासुदेव के द्वारा श्रीकृष्ण को गोकुल में नंद के के यहां पहुंचाया। इस संबंध में जानकारी देते हुए पंडित जितेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि समस्त गोंदन सरकार भक्त मंडल के तत्वाधान में संगीतमय श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। दोपहर एक बजे से शाम चार बजे तक कथा का श्रवण किया जाता है। कथा के विश्राम पर यजमान अशोक गोयल और श्रीमती मधु गोयल आदि ने आरती की। 

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