कविता : आगे बढ़ने का जज़्बा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 20 जनवरी 2025

कविता : आगे बढ़ने का जज़्बा

लड़कियां होती घर की शान हैं,

बिना उनके न होता कोई काम है,

लड़कियां करती आज सब काम,

ना रहती किसी से पीछे वो हर बार,

आगे बढ़ने का जज्बा उसके अंदर है,

आगे बढ़ कर मंज़िल उन्हें पाना है,

ये उन्हें आज सबको है बताना,

नहीं डरती है अब वह किसी से,

ये उसने आज सबको बताया है,

अपनी मंज़िल को कैसे पाना है,

लड़कियों ने ये करके दिखाया है॥





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पूजा आर्य

चौरसों, गरुड़

बागेश्वर, उत्तराखंड

चरखा फीचर्स

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