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बुधवार, 29 जनवरी 2025

पटना : आज 1 बच्चे को दत्तक ग्रहण कार्यक्रम के तहत जोड़ा गया

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पटना, (आलोक कुमार). पटना जिले के जिलाधिकारी डॉ.चंद्रशेखर सिंह हैं.जिलाधिकारी ने कहा है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी मार्गदर्शिका के अनुसार आज 1 बच्चे को दत्तक ग्रहण कार्यक्रम के तहत जोड़ा गया.आगे कहा कि विगत 4 वर्षों में जिला में कुल 69 बच्चों को गोद लिया गया है. केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) के आंकड़े के अनुसार पिछले तीन वर्षों यानि साल 2019-20 ,साल 2020-21 और साल 2021- 22 में बिहार में इन तीन वर्षों में बेटों से ज्यादा बेटियां गोद ली गई हैं.आकंड़े के मुताबिक वर्ष 2019-20 में बिहार में कुल 125 बच्चे गोद लिए गए जिनमें 34 बेटे और 91 बेटियां शामिल थीं.वर्ष 2020-21 में कुल 122 बच्चे गोद लिए गए जिसमें 29 बेटे और 93 बेटियां शामिल थी.वहीं वर्ष 2021 -22 के आंकड़े पर नजर डाला जाए तो इस वर्ष बिहार में कुल 114 बच्चे गोद लिए गए जिनमें 42 बेटे और 72 बेटियां शामिल हैं.इन तीन सालों में बिहार में कुल 361 बच्चे गोद लिए गए जिसमे आधे से अधिक 256 बेटियां शामिल हैं.

       

ऐसे में बिहार में इन तीन सालों में गोद लिए गए कुल बच्चों में 70 फीसदी बेटियां शामिल रहीं.जारी आंकड़े के अनुसार लोगों में बेटियों के प्रति भावना में बदलाव आ रहा है.बाल संरक्षण इकाई के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो दत्तक ग्रहण में रहने वाले बच्चे अमूमन अनाथ बच्चे, सड़कों पर घूमने वाले वैसे बच्चे होते हैं जिनके माता- पिता का पता नहीं चलता.इसके साथ हीं दत्तक ग्रहण संस्थानों में रहने वाले बच्चों में भटकते हुए भीख मांगने वाले बच्चे भी शामिल होते हैं. बताया गया कि ऐसे बच्चों को अनहोनी और किसी प्रकार की दुर्घटना से बचाने के लिए पहले इनका संरक्षण किया जाता हैं. इसके बाद विभिन्न माध्यमों से इनके जैविक माता- पिता की खोज कराई जाती है.माता- पिता का पता नहीं चल पाने की स्थिति में ऐसे बच्चों की बेहतर भविष्य के लिए इन्हें दत्तक ग्रहण की साइट पर पंजीकृत कर दिया जाता है. बताया गया कि जो भी दंपत्ती बच्चों को गोद लेना चाहते हैं उन्हें दत्तक ग्रहण के लिए भारत सरकार के केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) में आवेदन देना पड़ता है. इसके बाद इच्छुक दंपत्ती को दत्तक ग्रहण के विभिन्न प्रावधानों की प्रक्रिया पूरी करनी होती हैं. प्रक्रिया पूर्ण होने पर हीं बच्चे को दत्तक माता- पिता को सुपुर्द किया जाता है.

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