- 14 लाख से भी अधिक भक्तों के पहुंचने के सापेक्ष मंदिर प्रशासन की है तैयारी, महाशिवरात्रि के दिन अलसुबह 2.30 बजे मंगला आरती के बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे
एक घंटे पहले निकलेगी अखाड़ों की पेशवाई
महाशिवरात्रि पर भीड़ को देखते हुए अखाड़ों की पेशवाई एक घंटे पहले निकलेगी। यानी सुबह छह की जगह पांच बजे ही पांच अखाड़े एक साथ श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में पहुंचेंगे और दर्शन करेंगे। वह मंदिर में दो से तीन घंटे तक दर्शन करेंगे। दो और अखाड़े भी राजसी यात्रा के साथ मंदिर पहुंचकर दर्शन करेंगे। मंदिर में इनके लिए अलग से लाइन लगाकर दर्शन करेंगे। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गिरि ने बताया कि महाकुंभ से लौटने के बाद महाशिवरात्रि पर बाबा के दर्शन के लिए हनुमान घाट से सुबह छह बजे पेशवाई निकाली जाती है। मगर, प्रशासन की अपील पर एक घंटे पहले पांच बजे से पेशवाई निकाली जाएगी।
पूरे शहर में निकलेगी शिव बारात
शहर भर से शिवबरात निकलेगी। बाबा के गण भांग-बुटी छानकर बाबा की भक्ति में मगन रहेंगे। इस बार शिवबरात में त्रिवेणी के जल से शिवभक्तों को स्नान भी कराया जाएगा। बारात में हर तरह के लाग विमान रहेगा। शिव से लेकर राम दरबार के स्वरूपों की झांकी के दर्शन होंगे। दर्जनभर वाद्ययंत्रों की गूंज के बीच हर हर महादेव की अनुगूंज होती रहेगी। वहीं, महाकुंभ में मारे गए श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि भी दी जाएगी। तिलभांडेश्वर शिवबरात समिति के अध्यक्ष रामबाबू यादव ने बताया कि इस बार बनारस के अलावा भदोही और मिर्जापुर 30 से अधिक लाग विमान शिवबरात में शामिल हो रहे हैं। 12 घोड़ों पर भगवान शिव, राम दरबार, ब्रह्मा, विष्णु और महेश के स्वरूप रहेंगे। कलाकार राधा-कृष्ण की रासलीला और शिवतांडव की प्रस्तुति करते हुए चलेंगे। बैंडबाजा, शहनाई, नगाड़ा, दुक्कड़, डमरू दल सहित छह तरह के वाद्ययंत्रों की धुन सुनाई देगी। बाबा के गण भूत-प्रेत करतब दिखाते हुए चलेंगे।
त्रिवेणी के जल से शिवभक्त करेंगे स्नान
काशी विश्वनाथ शिवबरात समिति की बरात दारानगर से शाम को निकलेगी। समिति के संयोजक दिलीप सिंह ने बताया कि इस महाशिवरात्रि को खास बनाने के लिए इस बार महाकुंभ से एक टैंकर संगम का जल मंगाया जाएगा। संगम का ये जल शिवबरात में शामिल शिवभक्तों पर छिड़का जाएगा। जो भक्त महाकुंभ में स्नान नहीं कर पाए हैं, वह इसका पुण्यलाभ ले सकेंगे। बरात में बाहर से 20 से अधिक लाग विमान शामिल रहेंगे। बाबा के गण व देवताओं के स्वरूप भी भक्तों को दर्शन देंगे। वहीं, रामापुरा के लालकुटी व्यामशाला से भी भव्य बरात निकाली जाएगी।
45 वाटर टैंकर की होगी व्यवस्था
महाशिवरात्रि की तैयारियों में नगर निगम जुट गया है। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने 45 वाटर टैंकर और 27 मोबाइल टॉयलेट शहर भर में लगाने के निर्देश जलकल को दिए हैं। गलियों में लगातार सफाई के लिए शिफ्टवार सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। सभी शिव मंदिरों के आसपास विशेष सफाई और चूने का छिड़काव कराया जाएगा। शिव मंदिर जाने वाले मार्गों को दुरुस्त कराया जाएगा। शहर के प्रमुख मार्गों के स्ट्रीट लाइटों को ठीक कराने के लिए उन्होंने आलोक विभाग को जिम्मेदारी दी है।
ध्रुपद तीर्थ से कला साधक करेंगे शिव की साधना
महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को समर्पित 51वां पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ध्रुपद मेला शनिवार को तुलसी घाट स्थित द्रुपद तीर्थ पर शुरू होगा। देश-विदेश के कलाकार सुर, लय और ताल की त्रिवेणी प्रवाहित करेंगे। देशभर के घरानों के कलाकार हाजिरी लगाने पहुंचेंगे। छह पद्म पुरस्कार प्राप्त कलाकार भी संगीत के जरिये शिव की साधना करेंगे। शुभारंभ ध्रुपद गायक प्रो. ऋत्विक सान्याल के सधे सुरों से होगा। महाराजा बनारस विद्या मंदिर न्यास एवं ध्रुपद समिति की ओर से अर्ध शताब्दी को पार कर चुके ध्रुपद मेले का शुभारंभ शनिवार को शाम सात बजे काशी नरेश परिवार के अनंत नारायण सिंह, संयोजक संकटमोचन मंदिर के महंत विश्वंभर नाथ मिश्र व संगीतज्ञ पं. राजेश्वर आचार्य करेंगे। इसके बाद पूरी रात संगीत की गंगा प्रवाहित होगी। पहले दिन देवव्रत मिश्रा, प्रो. ऋत्विक सान्याल, पं. विशोख शील सहित कई कलाकारों की प्रस्तुति होगी। जबकि पं. राजेश्वर आचार्य, पं. शिवनाथ मिश्रा, पं. प्रेम कुमार मलिक और उनके पुत्र प्रशांत मलिक व निशांत मलिक की भी प्रस्तुति होगी।
तीन से चार पीढ़ियों से लगा रहे हाजिरी
ध्रुप मेला में काफी कलाकारों की तीन से चार पीढ़ियां हाजिरी लगा रहे हैं। पखावज गुरु पं. अमरनाथ मिश्र के पौत्र प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्रा और वर्तमान में उनके प्रपौत्र पुष्करनाथ मिश्रा चौथी पीढ़ी मेला का प्रतिनिधित्व कर रही है।
कोलकाता से आएगी माला व भदोही से धतूरा
काशी में महाशिवरात्रि की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। मठ-मंदिरों में अभी से ही फूल-मालाओ की खरीद शुरू हो गई है। शहर की मंडियों से पूर्वांचल भर के कारोबारी भी खरीदारी शुरू कर चुके हैं। महाशिवरात्रि पर बाबा के शृंगार के लिए कोलकाता से 20 लाख से अधिक मदार की माला आएगी। इसको लेकर कारोबारियों ने ऑडर दे दिए हैं। भदोही, मिर्जापुर आदि जिलों से भी बेलपत्र, धतूरा, दुर्वा, कमल, अंगारी, बेर, सरसों के फूल व गेहूं की बालियां आदि मगाए जाएंगे। पूर्वांचल भर के कारोबारी भी यहां से खरीदारी करेंगे।
तैयारियों को लेकर डीएम व सीपी ने किया भ्रमण
महाशिवरात्रि पर इस बार भारी संख्या में भक्तों की आवक का अनुमान है लिहाजा प्रशासनिक तैयारियां भी जोरों पर हैं। सुरक्षा और व्यवस्था के मद्देनजर जिलाधिकारी एस राजलिंगम, पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल, अपर पुलिस कमिश्नर डॉ एस चिनप्पा ने महाशिवरात्रि की तैयारियों को जगह-जगह शिव मंदिरों का अवलोकन कर मातहतों को निर्देशित भी किया। सभी अधिकारियों ने मंदिर के आसपास के क्षेत्र, महाशिवरात्रि पर लगने वाले मेला क्षेत्र और घाट का भ्रमण कर व्यवस्थाओं को परखा और मंदिर के गोस्वामी समाज के लोगों से बात कर यहां की समस्याएं जानी। मार्कंडेय मंदिर के आसपास की क्षेत्रों की मल्टीपल साफ सफाई के लिए डीपीआरओ को सफाई कार्मिकों और सुपरवाइजर्स की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए गए। मंदिर परिसर और गेट के बाहर महिला पुलिस कर्मियों और मंदिर प्रबंधन समिति को अपने वालंटियर की तैनाती के निर्देश दिए गए। इसके अलावा घाट जल पुलिस चौकी स्थापित करने के निर्देश दिए गए। इस मौके पर सीडीओ हिमांशु नागपाल, एडीएम विपिन कुमार,डीसीपी चंद्रकांत मीणा,अपर नगर आयुक् सविता यादव, एसडीएम सार्थक अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।



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