सीहोर : भविष्य का भारत और हमारी भूमिका विषय पर आयोजित - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


गुरुवार, 20 फ़रवरी 2025

सीहोर : भविष्य का भारत और हमारी भूमिका विषय पर आयोजित

Vhp-seminar-sehore
सीहोर। विश्व हिन्दू परिषद् मध्य भारत प्रांत द्वारा सीहोर में भविष्य का भारत और हमारी भूमिका विषय पर आयोजित प्रबुद्ध जन गोष्ठी का आयोजन स्थानीय क्रिसेंट वाटर पार्क में समारोह पूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय संगठन महामंत्री  मिलिंद परांडे ने संबोधित करते हुवे बताया कि हिन्दू समाज के सम्मुख चुनौतियाँ, संकट एवं आवश्यकताओं के बारे चिंतन व समाज का सक्रिय योगदान आवश्यक है। कुटुंब प्रबोधन, नागरिक कर्तव्य, सामाजिक समरसता, बांग्लादेश में हिन्दू पर अत्याचार-हिंदूओं के लिये रोजगार, भारत में हिन्दू समाज कि सजगता, मंदिरों के सरकारी नियंत्रण से मुक्ति, देरी से विवाह करने के परिणाम जैसे अनेक विषयों पर विचार रखे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या में विश्व हिन्दू परिषद् द्वारा श्री रामलला मंदिर के निकट विशिष्ट अतिथि गृह के निर्माण में सीहोर के प्रसिद्ध समाजसेवी अखिलेश राय द्वारा 21 लाख रुपए का सहयोग प्रदान करने पर विश्व हिन्दू परिषद् द्वारा अखिलेश राय का परिजनों सहित गमछा पहनाकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री राय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा विहिप ने सदा राष्ट्र निर्माण कार्यों में अपना मार्गदर्शन दिया है। कार्यक्रम में विश्व हिन्दू परिषद् के प्रांत अध्यक्ष किशनलाल शर्मा, प्रांत मंत्री राजेश जैन क्षेत्रीय संगठन मंत्री जितेन्द्र सिंह पंवार, प्रांत संगठन मंत्री सुनील शर्मा सह प्रांत मंत्री विशेष रूप से उपस्थित थे, कार्यक्रम में नगर के समाजसेवी, उद्योगपति, व्यापारी, अभिभाषक, चिकित्सक, प्राध्यापक, जन प्रतिनिधि, पूर्व अधिकारी, विभिन्न संस्थाओं के संचालकों सहित बड़ी संख्या में समाजजन शामिल थे। 

कोई टिप्पणी नहीं: