नई दिल्ली : " प्रतिनिधि दलित कहानियां" का लोकार्पण - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 2 फ़रवरी 2025

नई दिल्ली : " प्रतिनिधि दलित कहानियां" का लोकार्पण

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नई दिल्ली (रजनीश के झा)। भारत मंडपम में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में बजरंग बिहारी तिवारी द्वारा संपादित पुस्तक प्रतिनिधि दलित कहानियां का लोकार्पण हुआ। लोकार्पण समारोह में कथाकार टेकचंद ने संकलन को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि बजरंग जी धरातलीय स्थिति और वास्तविकता को जानते हैं उसके अनुसार इन कहानियों का चयन किया गया है। दलित लेखक संघ के अध्यक्ष हीरालाल राजस्थानी ने कहा कि दलित कहानियों का संग्रह या इस तरह की पुस्तकों का प्रकाशन राजपाल एन्ड संज़ से प्रथम बार किया जा रहा है। इससे दलित साहित्य की पुस्तकों में निखार आएगा। उन्होंने कहा दलित साहित्य को एक ही खांचे में रखना उसे संकुचित कर देता है, हमें दलित साहित्य का विस्तार करने की आवश्यकता है। आलोचक और कथाकार हेमलता महीश्वर ने कहा कि गांव शोषण का, जकड़न  का गढ़ है। हमारे आज के युवा वक्ताओं ने 'पलायन' शब्द का जिस संदर्भ में प्रयोग किया है दलित साहित्य में वो उस संदर्भ में दिखाई नहीं देता हैं। संग्रह की सभी कहानियां बहुत ही महत्त्वपूर्ण हैं। अस्मिता मूलक विमर्श हमें मनुष्य होने की ओर अग्रसर करता है।

 

एम.ए के विद्यार्थी अमित ने अपने वक्तव्य में कहा कि संग्रह की कहानियां वर्चस्ववादियों की असंवेदनहीनता को रेखांकित करती हैं।  शोधार्थी साधना ने अपने वक्तव्य में सर्वप्रथम पुस्तक के आवरण का ज़िक्र कर उसे अर्थवान बताया। साधना ने ‘दिहाड़ी’ कहानी का अंश पाठ किया और कहानी में दिखाई गई पितृसत्ता का भी उल्लेख भी किया। उन्होंने सुशीला टाकभौरे की कहानी सिलिया कहानी का ज़िक्र भी किया। संग्रह की सम्पूर्ण कहानियां दलित समाज के संघर्ष को रेखांकित करती हैं। एम.ए की छात्रा सना ने कहा कि दलित कहानी में अनुभव प्राथमिक रूप से विद्यामान होता है जबकि शिल्प का स्थान उसके बाद आता है। अपने वक्तव्य में उन्होंने 'मेले में लड़की' कहानी का ज़िक्र भी किया। शोधार्थी शीलू अनुरागी ने पलायनवादी मानसिकता का ज़िक्र करते हुए सिलिया कहानी को इस संदर्भ में उल्लेखनीय बताया।  कौशल पवार की कहानी दिहाड़ी कहानी का उल्लेख कर उन्होंने कहा कि यह अस्वाभाविकता की कहानी है। गांव और शहर का द्वन्द कहानी संग्रह की कहानियों में दिखाई देता है। अंत में पुस्तक के संपादक बजरंग बिहारी तिवारी ने सभी वक्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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