सीहोर : कुबेरेश्वरधाम पर एक मार्च को किया जाएगा भजन संध्या का आयोजन, उमड़ा आस्था का सैलाब - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 27 फ़रवरी 2025

सीहोर : कुबेरेश्वरधाम पर एक मार्च को किया जाएगा भजन संध्या का आयोजन, उमड़ा आस्था का सैलाब

  • प्रेम जोड़ता और भ्रम तोड़ता है : अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा

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सीहोर। बेटियों को हमेशा अच्छे संस्कार देना चाहिए, जिससे उनके भावी जीवन में उन्नति हो, राजा दक्ष की पुत्री माता सती और हिमालय की पुत्री मां पार्वती में अंतर था। पति-पत्नी के बीच आपसी विश्वास होना बहुत जरूरी है। अगर विश्वास नहीं होगा तो वैवाहिक जीवन बर्बाद हो सकता है। संगत से इंसान के स्वभाव पर कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि विभीषण रावण के साथ रहकर भी नहीं बिगड़ा और कैकई राम के साथ रहकर भी नहीं सुधरी। अपने जीवन को सफल करने के लिए आपको अच्छे विचार रखना पड़ेंगे और सत्य के मार्ग का अनुसरण करना होगा। हमारे अहंकार को त्याग करने के बाद ही भगवान की भक्ति प्राप्त होती है। उक्त विचार जिला मुख्यालय के समीपस्थ प्रसिद्ध कुबेरेश्वरधाम पर जारी सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव के अंतर्गत सात दिवसीय भव्य शिव महापुराण के तीसरे दिन अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहे। कथा का श्रवण करने के लिए गुरुवार को बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और श्रद्धालु पहुंचे थे। आगामी एक मार्च को रात्रि को भजन संध्या का आयोजन महोत्सव के अंतर्गत किया जा रहा है। धाम आस्था का सागर बना हुआ है, यहां पर नियमित रूप से लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे है। शिव महापुराण के तीसरे दिन पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि प्रेम जोड़ता और भ्रम तोड़ता है। कभी संबंध बना हो तो यह मत देखना कि उसका घर कितना बड़ा है, उसका घर भले ही छोटा हो पर उसका दिल बड़ा होना चाहिए। भगवान शिव जी पर एक लोटा जल चढ़ा देने मात्र से ही हमारी सभी इच्छाएं और मनोकामना पूरी हो जाती हैं। इसके लिए आवश्यक है कि जब हम जल चढ़ाएं निष्कपट भाव से चढ़ाएं।


लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की आवाजाही निरंतर बनी हुई

कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव शिवमहापुराण कथा में तीसरे दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की आवाजाही निरंतर बनी हुई है। भगवान शिव की आराधना करने वाला भक्त कभी दुखी नहीं रहता। भोले की भक्ति में शक्ति है। भगवान भोलेनाथ कभी भी किसी भी मनुष्य की जिंदगी का पासा पलट सकते हैं। बस भक्तों को भगवान भोलेनाथ पर विश्वास करना चाहिए और उनकी प्रतिदिन आराधना करनी चाहिए। भक्ति हम भी प्रतिदिन करते है और भगवान से प्रार्थना करते है कि सभी के संकट दूर करें। दिन में लगभग 21,600 बार सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया करता-क्या हम कभी भी ईश्वर द्वारा दी गई अनमोल सांसों का कर्ज उतार सकते हैं, क्या हमने इसके लिए आज तक भी उस ईश्वर का धन्यवाद किया, यदि नहीं किया है, तो हमें आज से ही ईश्वर का गुणगान करना शुरू कर देना चाहिए। दिन में लगभग 21,600 बार सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया करता है। इन सांसों के चलने का क्रम हमें भक्ति से जोड़ना है, भगवान के द्वारा दी गई यह सांसे हमें भगवान की भक्ति में लगानी चाहिए। सत्य का अनुसरण करना चाहिए। जिसने सत्य को जान लिया उसका जीवन सफल हो जाता है।  परमात्मा परम पिता हैं और वही सृष्टि के आधार है। परमात्मा ने ही सृष्टि की रचना की। उन्होंने कहा कि परमात्मा ने वेद ज्ञान के आधार पर चलने की आज्ञा दी है। अगर मनुष्य को सत्य को सही मायने में प्राप्त करना है तो उसे वेदों के अनुसार चलना होगा। संसार में सत्य और असत्य दोनों है। जो व्यक्ति सत्य का सहारा लेकर आगे बढ़ता है उनका हमेशा कल्याण होता है वहीं असत्य का सहारा लेने वाला व्यक्ति पतन की ओर उन्मुख हो जाता है। मनुष्य को अपने जीवन को कर्म प्रधान बनाना चाहिए। जो व्यक्ति अच्छा कर्म करेगा उसे परमात्मा निश्चित रूप से अच्छा फल प्रदान करेंगे।

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