- बिहार बजट 2025-26 के खिलाफ ऐक्टू-गोप गुट का प्रतिवाद
- बिहार में ओपीएस लागू करने, सभी संविदा ,मानदेय-आउटसोर्स

पटना, (आलोक कुमार). ऐक्टू (एआइसीसीटीयू) और कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) ने आशा- रसोइया- आंगनबाड़ी-जीविका -कार्यपालक सहायक -बेल्ट्रॉन के डाटा इंट्री ऑपरेटरों-खेत मजदूर व सफाईकर्मियों, निर्माण सहित असंगठित क्षेत्र के करोड़ो मजदूरों यथा ई-रिक्शा-टेम्पो चालकों, फुटपाथ दुकानदारो के सम्बंध में बिहार बजट 2025-26 में कोई घोषणा नहीं किए जाने के खिलाफ राज्यव्यापी प्रतिवाद के तहत आज पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर प्रतिवाद मार्च आयोजित कर बिहार की नीतीश-भाजपा सरकार के बजट का पुरजोर विरोध किया व सभा किया. इस दौरान ऐक्टू व महासंघ (गोप गुट) ने बिहार में सरकारी कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने, सभी संविदा ,मानदेय -आउटसोर्स, स्कीम कर्मियों, मनरेगा मजदूरों के मानदेय / मजदूरी में एकमुश्त 53% वृद्धि की घोषणा करने व निर्माण मजदूरों के कल्याणकारी योजना को चालू करने व करोड़ो असंगठित मजदूरों को समग्र सामाजिक सुरक्षा का लाभ देने की पुरजोर मांग किया साथ ही पत्रकारों सहित उक्त सभी कर्मियों को ग्रेच्युटी देने की भी मांग को उठाया. गर्दनीबाग धरना स्थल पर आज प्रतिवाद कार्यक्रम व सभा को प्रमुख रूप से ऐक्टू राष्ट्रीय सचिव रणविजय कुमार,कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) अध्यक्ष रामबली प्रसाद, महासचिव प्रेमचंद कुमार सिन्हा, कार्यपालक सहायक सेवा संघ प्रदेश अध्यक्ष आशीष कुमार, एनएमओपीएस नेता शशिभूषण, खेग्रामस राज्य सचिव शत्रुध्न साहनी , गोप गुट पटना जिला सचिव मनोज कुमार यादव ने संबोधित किया.
उक्त नेताओं ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा पेश 2025 बजट हक अधिकार खासकर मानदेय में वृद्धि व सेवा नियमितीकरण, सरकारी कर्मी को ओपीएस लागू करने के प्रश्न पर लम्बे समय से संघर्षरत आशा, जीविका, रसोइया, आंगनवाड़ी, ठीका- मानदेय व आउटसोर्स में कार्यरत कर्मी यथा कार्यपालक सहायक, बेल्ट्रान के मातहत डेटा इंट्री ऑपरेटरों तथा मनरेगा मजदूरों, निर्माण सहित असंगठित क्षेत्र के सफाईकर्मी ई-रिक्शा-टेम्पो चालकों, फुटपाथ दुकानदारो को समग्र सामाजिक सुरक्षा का लाभ देने, माइक्रोफाइनेंस कंपनियों से जुड़ी महिलाओं की कर्ज माफी, आदि जैसे प्रश्न पर यह बजट मौन है. नेताओं ने आरोप लगाया कि ऐसे लाखों- लाख कर्मियों की लोकप्रिय मांगों को नीतीश-भाजपा सरकार द्वारा पेश बजट में कोई जगह नहीं दिया गया है.नेताओं ने मानदेय/मेहनताना राशि मे एकमुश्त 53℅ राशि वृद्धि करने,ओपीएस लागू करने व असंगठित मजदूरों के लिए समग्र सामाजिक सुरक्षा देने तथा निर्माण मजदूरों के कल्याणकारी योजना चालू करने, पत्रकारों सहित उक्त सभी संविदा-स्कीम कर्मियों को ग्रेच्युटी देने की भी मांग को उठाया.
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