- सीवन का उद्धार योजना के साथ होना चाहिए, आगे-आगे पाठ, पीछे-पीछे सपाट जैसी स्थिति निर्मित नहीं हो : अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा
जल स्त्रोतों का संरक्षण और संवर्धन करना बहुत जरूरी
पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि शहर के सीवन घाट पर जारी गहरीकरण के अभियान के दौरान पहुंचे जहां पर कार्यरत नगर पालिका के अमले का स्वागत करते हुए, उन्होंने कहा कि जल स्त्रोतों का संरक्षण और संवर्धन करना बहुत जरूरी है। आज शासन के द्वारा जो जल संरक्षण अभियान, वर्षा जल संचयन, जल निकायों के कायाकल्प, उपचारित अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग और गहन वनीकरण और पेयजल आपुर्ति पर ध्यान केंद्रित करने वाला एक स्वागत योग्य कदम है। इससे हमारे क्षेत्र का जल स्तर बेहतर बना रहेगा। नगर पालिका का सीवन घाटों का सौंदर्यीकरण और गहरीकरण की पहल स्वागत योग्य है। उन्होंने यहां पर अमले में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों का स्वागत किया।
सीवन नदी लंबे समय से उपेक्षा का शिकार हो रही थी
उन्होंने कहा कि शहर के बीच से निकली सीवन नदी लंबे समय से उपेक्षा का शिकार हो रही थी। इसके बाद भी सीवन नदी की तरफ ध्यान नहीं दिया गया। हर साल बारिश के पानी के साथ आने वाली मिट्टी धीरे-धीरे गाद बनकर नदी की गहराई कम होने लगी। उथली होती नदी में जलभराव की मात्रा लगातार कम होती चली जा रही थी, लेकिन इसका ध्यान नहीं गया था। अब वर्तमान परिषद के प्रयास की लोग प्रशंसा कर रहे हैं। कई लोग जनभागीदारी के साथ सहयोग करने को तैयार है, जिससे आगामी दिनों में सीवन नदी का गहरीकरण के साथ सौंदर्यीकरण हो सकेगा। वहीं विधायक श्री राय ने कहाकि आगामी दिनों में सीवन नदी आकर्षण का केंद्र बनने जा रही है। नदी में नौकायन भी होगा और पिकनिक स्पॉट भी बनेगा। सुंदर लाइटिंग के साथ पुल का निर्माण भी कराया जाएगा। मॉर्निंग वॉक के लिए नदी के किनारे विशेष स्थान होगा। नदी के किनारो पर मौजूद अतिक्रमण को भी हटाया जाकर नदी की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाएंगे। सीवन उद्धार समिति के द्वारा नदी के अस्तित्व के प्रति ध्यान आकर्षण कराने का कार्य किया जा रहा है। जिसका सुखद परिणाम भी आगामी दिनों में सामने आएगा। श्रमदान के दौरान बड़ी संख्या में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी कार्यकर्ता जनप्रतिनिधि सामाजिक कार्यकर्ता और नगरीकरण मौजूद रहे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें