बीसी चिंटू, जो पहले ही तड़ीपार किया जा चुका है, काली क्रेटा गाड़ी में सवार होकर क्षेत्र में दहशत फैला रहा है। बलविंदर कपूर के खिलाफ आईपीसी की धारा 506 के तहत पहले से मामला दर्ज है और वह बाराही माता मंदिर के पास बनी एक पांच मंजिला अवैध इमारत का आरोपी भी है। इसके बावजूद वह पूरी निर्भीकता से अपनी दबंगई जारी रखे हुए है, जिससे प्रशासनिक व्यवस्था की लाचारी भी उजागर होती है। इसी गिरोह ने अब डिम्पल अरोड़ा नामक महिला को भी निशाना बनाया है, जो 4196, तेल मंडी, पहाड़गंज की निवासी हैं। उनकी बिल्डिंग को नुकसान पहुंचाया गया और उन्हें भी गंभीर जानलेवा धमकियां मिलीं। लेकिन तमाम शिकायतों के बावजूद न पुलिस ने कार्रवाई की और न ही एमसीडी ने हस्तक्षेप किया। यह स्थिति न केवल कानून व्यवस्था के लिए, बल्कि लोकतंत्र की बुनियाद के लिए खतरे की घंटी है। जब पत्रकार, महिलाएं और आम नागरिक खुद को असुरक्षित महसूस करें, तब यह दर्शाता है कि अपराधी बेखौफ और सिस्टम निष्क्रिय है। अब जरूरी है कि इन माफियाओं के खिलाफ ठोस और तत्काल कार्रवाई हो, जिससे न केवल न्याय सुनिश्चित हो, बल्कि कानून का डर भी कायम रहे।
नई दिल्ली (रजनीश के झा)। राजधानी दिल्ली में अपराध और सत्ता के गठजोड़ का नया चेहरा उभरकर सामने आया है, जहां एक पत्रकार को सच उजागर करने की कीमत अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा से चुकानी पड़ रही है। मणि आर्य नामक पत्रकार ने जब पहाड़गंज इलाके में चल रहे एक बेलगाम बिल्डर माफिया नेटवर्क का पर्दाफाश किया, तो उन्हें और उनकी पत्नी को खुलेआम धमकियों का सामना करना पड़ा। मणि आर्य द्वारा उजागर की गई जानकारी के अनुसार, खुद को बिल्डर बताने वाला बलविंदर कपूर और उसका साथी बीसी शिवदयाल उर्फ चिंटू@कारतूस अवैध निर्माण, जमीन कब्जा और डराने-धमकाने की गतिविधियों में संलिप्त हैं। पत्रकार की पत्नी को अश्लील गालियां दी गईं, उनके घर की तस्वीरें खींची गईं और उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। यह सब तब हुआ जब पत्रकार ने कपूर के गैरकानूनी निर्माण और भूमि हड़पने की हरकतों को उजागर किया।
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