आनंद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘बहन जी ने मुझे पार्टी के मुख्य राष्ट्रीय समन्वय पद की जिम्मेदारी दी है। मैं बहन जी का तहेदिल से आभार प्रकट करता हूं। उन्होंने मेरी गलतियों को माफ किया और एक अवसर दिया है कि मैं बहुजन मिशन एवं आंदोलन को मजबूत करने में अपना योगदान दूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहन जी से वादा करता हूं कि पार्टी एवं आंदोलन के हित में पूरी निष्ठा से कार्य करूंगा और कभी निराश नहीं करूंगा।’’ आनंद ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए कहा था कि वह मायावती को अपना एकमात्र राजनीतिक गुरु मानते हैं। इसके बाद उन्हें पिछले महीने पार्टी में पुन: शामिल किया गया था। मायावती ने गत दो मार्च को आकाश को पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से मुक्त करते हुए कहा था कि अब उनकी आखिरी सांस तक पार्टी में उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। इससे पहले बसपा अध्यक्ष ने फरवरी महीने में आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। मायावती ने पूर्व में आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, लेकिन पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के दौरान एक विवादित बयान देने को लेकर उन्होंने अपने भतीजे से यह ओहदा वापस ले लिया था। हालांकि बाद में, मायावती ने उन्हें फिर से अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें