मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के तत्वावधान में श्री सोमनाथ गुरूकुल संस्था की ओर जागरूकता कार्यक्रम में प्रशिक्षक बालकृष्ण व्यास ने सौर ऊर्जा पर सरकारी योजनाओं और प्रोत्साहन की जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि पराली जलाने की समस्या का समाधान भी सौर ऊर्जा के माध्यम से किया जा सकता है। इसके लिए हम सबको सौर ऊर्जा के महत्व को समझना-समझाना आवष्यक है। इस पर बात की जाए और नवाचार को आगे बढ़ाया जाए। मई माह में 5 गॉव में यह कार्यक्रम किये जा चुके हैं ग्रामीणों का अच्छा उत्साह देखने को मिला तो और भी गॉवो में यह कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे
सौर ऊर्जा से सिंचाई, ग्रीनहाउस में तापमान नियंत्रण, प्रकाश व्यवस्था और अन्य प्रणालियों को अपनाकर वर्ष भर फसलें उगाई जा सकती हैं. सौर ऊर्जा से चलने वाले ड्रायर फसल को सुखाने और संरक्षित करने में सहायक हैं, जिससे फसल की गुणवत्ता और भंडारण जीवन में सुधार होता है. सौर पैनलों को फसलों के साथ एक ही भूमि पर लगाकर, भूमि उपयोग को अधिकतम किया जा सकता है और ऊर्जा का उत्पादन भी किया जा सकता है. यह कम लागत, पर्यावरण के अनुकूल और आजीविका के नए अवसर प्रदान करने वाली ऊर्जा है। इस अवसर पर सरकार द्वारा सौर ऊर्जा प्रणालियों को स्थापित करने के लिए प्रदान की जाने वाली सब्सिडी और अन्य वित्तीय सहायता के बारे में भी बताया गया। किसानों ने कार्यक्रम को बहुत उपयोगी बताया।

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