अनुराग बेहर ने कहा कि "अच्छी स्कूली शिक्षा जीवन के लिए मूलभूत आधार है, जबकि उच्च शिक्षा जीवन में बेहतर सामाजिक और आर्थिक प्रगति की संभावनाओं के द्वार खोलती है । आजादी के बाद से भारत ने काफी प्रगति की है, परंतु अभी भी लड़कियों की उच्च शिक्षा में भागीदारी के लिए काफी कुछ किया जाना शेष है I आज भी उनका सभी स्तरों पर सामाजिक और वित्तीय बाधाओं का सामना करना जारी है I श्री बेहर ने कहा कि "हम उच्च शिक्षा में आगे बढ़ने के लिए लड़कियों को आर्थिक सहयोग करने के लिए सकारात्मक माहौल का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध है,जो देश की बेटियों के उनके अपने जीवन पर ज्यादा अधिकार प्राप्त करने में मदद करेगा I" देश के 18 राज्यों - अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, उड़ीसा, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में वर्ष 2025-26 सत्र के लिए आवेदन की प्रकिया इसी वर्ष सितम्बर माह से शुरू की जाएगी। 28 राज्यों व 8 केंद्र शासित प्रदेशों के देश में मात्र 1ं8 राज्यों में ही छात्रवृत्ति की शुरुआत करने के प्रश्न के जवाब में अनुराग बेहर ने कहा कि यह इस अभियान के पहले चरण की शुरुआत है, धीरे धीरे बाकी राज्यों में भी इस छात्रवृत्ति कार्यक्रम को लागू किया जाएगा।
बैंगलोर, 15 मई, विजय सिंह, देश के विभिन्न भागों में सरकारी या निजी उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने गुरुवार को 30,000 रुपये प्रति वर्ष की नकद छात्रवृत्ति देने की घोषणा की।देश की बेटियों के लिए छात्रवृत्ति की इस पहल के पहले चरण में देश के 18 राज्यों में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए महाविधालयों या विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने वाली या अध्ययनरत छात्राओं के लिए यह छात्रवृत्ति उपलब्ध होगी। अज़ीम प्रेमजी छात्रवृत्ति की घोषणा करते हुए, फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अनुराग बेहर ने बताया कि फाउंडेशन स्कूल के बाद उच्च शिक्षा के लिए लड़कियों को संबलता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। बीआईसी सभागार,बैंगलोर में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए, श्री बेहर ने जानकारी दी कि, छात्रवृत्ति के लिए किसी पात्रता परीक्षण की आवश्यकता नहीं है लेकिन शर्त यह है कि छात्रवृत्ति के लिए इच्छुक छात्राओं ने कक्षा 10 और 12 की पढ़ाई सरकारी (सार्वजनिक) विधालयों से पूरी की हो और उन्होने किसी भी संकाय के डिग्री या डिप्लोमा पाठ्यक्रम में किसी सरकारी अथवा मान्यता प्राप्त निजी संस्थान में प्रवेश लिया हो I घोषित छात्रवृत्ति की राशि डिग्री या डिप्लोमा कार्यक्रम की पूरी अवधि के लिए होगी,जब तक कि छात्रा शिक्षण पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक जारी रखती है। छात्रवृत्ति की धनराशि को हर वर्ष सीधे छात्राओं के बैंक खाते में दो किस्तों में स्थानांतरित किया जाएगा। फाउंडेशन का अनुमान है कि सितम्बर से शुरू होने वाली इस बालिका छात्रवृत्ति योजना के मार्फत चालू वर्ष 2025-26 में देश के 18 राज्यों की ढाई(2.5)लाख छात्राएं अज़ीम प्रेमजी छात्रवृत्ति से लाभान्वित होंगी।
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