- कार्यक्रम का उद्देश्य देवर्षि नारद की संवाद परंपरा, वाणी कौशल और लोकमंगल भावना को स्मरण करते हुए पत्रकारिता के आदर्शों को स्थापित करना है : डॉ. कुमकुम पाठक
मान्यता है कि नारद जी की प्रेरणा से ही महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना की और महर्षि वेदव्यास ने श्रीमद्भागवत महापुराण जैसे भक्ति ग्रंथ की रचना की। पुराणों में उन्हें ‘भागवत संवाददाता’ के रूप में भी प्रतिष्ठा प्राप्त है। कार्यक्रम आयोजकों के अनुसार, नारद जी की संचार शैली, भावनात्मक संतुलन और निष्पक्ष संवाद आज की पत्रकारिता के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। इसी उद्देश्य से हर वर्ष यह आयोजन पत्रकारों को सम्मानित करने और संवाद की गरिमा को पुनर्स्थापित करने के लिए किया जाता है। सह-संयोजक डॉ. अजय परमार ने बताया कि यह आयोजन सामाजिक विज्ञान संकाय के समता भवन में सायं 4 बजे से होगा। इस अवसर पर काशी प्रांत के 7 पत्रकारों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा। पत्रकार चयन समिति ने गहन विचार-विमर्श के बाद इन पत्रकारों का चयन किया है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार व संपादक हितेश शंकर होंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष जी और अध्यक्ष के रूप में प्रख्यात चिकित्सक व विश्व संवाद केंद्र, काशी न्यास के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. हेमंत गुप्त उपस्थित रहेंगे। यह आयोजन विश्व संवाद केंद्र, काशी और दीनदयाल शोधपीठ, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में हो रहा है। आयोजकों ने सभी से इस कार्यक्रम में शामिल होने और इसे अपने माध्यमों से प्रचारित करने का आग्रह किया है।
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