- संस्कृत भारती मध्यभारत प्रांत के सात दिवसीय आवासीय प्रबोधन प्रशिक्षण वर्ग का समापन समारोह सम्पन्न
विशिष्ट अतिथि समाजसेवी पंडित हरिप्रसाद तिवारी ने संस्कृत के माध्यम से सामाजिक समरसता एवं सांस्कृतिक पुनर्जागरण की आवश्यकता पर बल दिया। समारोह के मुख्य वक्ता प्रो. सी. जी. विजय कुमार मेनन ने प्रतिभागियों को संस्कृत के व्यावहारिक उपयोग तथा उसके वैश्विक महत्व पर विस्तार से संबोधित किया। प्रशिक्षण वर्ग के वर्गाधिकारी पंडित पृथ्वीवल्लभ दुबे ने सात दिवसीय वर्ग की रूपरेखा, विषयवस्तु एवं गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि प्रतिभागियों को संस्कृत संभाषण, व्याकरण, गीत, श्लोक, संवाद शैली तथा शास्त्रीय ग्रंथों के पठन-पाठन में यह प्रशिक्षण बहुउपयोगी है . संस्कृतभारती मध्यभारत प्रांत अध्यक्ष डॉ. अशोक सिंह भदौरिया ने कहा कि संस्कृतभारती का उद्देश्य जन-जन तक संस्कृत को पहुँचाना है, और इस दिशा में ऐसे प्रशिक्षण वर्ग अत्यंत प्रभावी सिद्ध हो रहे हैं। समापन के अवसर पर प्रतिभागियों द्वारा संस्कृत में गीत, संवाद, एवं अनुभव कथन की प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिन्हें उपस्थितजनों ने सराहा। सात दिवसीय आवासीय प्रबोधन प्रशिक्षण वर्ग का प्रतिवेदन वाचन जिला मंत्री राकेश सिंह ने किया, समारोह का संचालन संस्कृतभारती भोपाल महानगर शिक्षण प्रमुख डां ललित मोहन पंतोला व आभार संस्कृतभारती जिलासः मंत्री सुरेन्द्र सिंह यादव मे व्यक्त कर प्रशिक्षण की सफलता में सहभागिता पर कृतज्ञता प्रकट की . इसी अवसर पर सीहोर नगर के गणमान्य नागरिकों सहित सहकार भारती प्रांत प्रमुख सुरेश गुप्ता, संस्कृत भारती प्रांत संगठन मंत्री डां जागेश्वर पटले, पंडित नरेश तिवारी, नर्मदापुर डीईओ शत्रुन्जयसिंह बिसेन , हरिओम शर्मा, अरूण व्यास, मीना साहू, शैलेश तिवारी, बहादुरसिंह , सोनू परमार , नितेश जायसवाल, ओमप्रकाश सेन, जितेन्द्र सिंह राठौड़, गोपाल कृष्ण त्यागी, विष्णुप्रसाद परमार , अरूण जोशी उपस्थित रहे. यह प्रशिक्षण वर्ग संस्कृत को जन-जन की भाषा बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायी कदम रहा। संस्कृतभारती सीहोर द्वारा सभी प्रशिक्षणार्थियों कुबेरेश्वर धाम व श्री चिंतामन गणेश मंदिर के दर्शन करवाये जोकि प्रशिक्षणार्थियों के लिए स्मरणीय हैं.

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