- छत्रपति शाहू जी महाराज की भव्य जयंती समारोह बसपा ने भरी हुंकार
आकाश आनंद ने शाहू जी महाराज की शिक्षा-नीति का ज़िक्र करते हुए बताया कि उन्होंने डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की उच्च शिक्षा का खर्च वहन किया। यह केवल एक राजा का कार्य नहीं, बल्कि समाज सुधारक और सामाजिक क्रांतिकारी का दृष्टिकोण था। उन्होंने कहा कि आज बिहार को एक बार फिर शाहू जी महाराज जैसे नेतृत्व की जरूरत है, जो बहुजनों को ऊपर उठाने का साहस रखता हो। कार्यक्रम में आकाश आनंद ने कहा कि बहन मायावती ने उत्तर प्रदेश में चार बार बहुजन समाज की सरकार बनाकर सामाजिक न्याय और विकास का नया अध्याय लिखा। शिक्षा, कानून व्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्रों में उनके शासनकाल को ‘बहुजन गवर्नेंस मॉडल’ के रूप में आज भी याद किया जाता है। उन्होंने कहा कि बिहार में भी यदि बहुजन समाज पार्टी की सरकार बनती है, तो वही सुशासन और सामाजिक बदलाव की तस्वीर उभरेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार की जनता ने सत्ता और विपक्ष के पारंपरिक नेताओं से निराशा झेली है। अब समय आ गया है कि बहुजन समाज एकजुट होकर राजनीतिक सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित करे और बहुजन हितों की रक्षा के लिए बसपा को मजबूत बनाए। उन्होंने कहा, “मैं बहन मायावती के रास्ते पर चल रहा हूँ और जीवन भर उनके सिद्धांतों को आगे बढ़ाऊँगा।”
महाराजा छत्रपति शाहू जी महाराज की भव्य जयंती समारोह को संबोधित करते हुए बसपा के वरिष्ठ नेता ई. राम जी गौतम ने कहा कि शाहू जी महाराज ने सामाजिक न्याय की नींव रखी और शिक्षा, आरक्षण व सामाजिक समता के मार्ग को प्रशस्त किया। उन्होंने कहा कि आज जब देश में फिर से जातिगत असमानता, आर्थिक विषमता और सामाजिक भेदभाव बढ़ रहा है, तब हमें शाहू जी महाराज के आदर्शों की और अधिक आवश्यकता है। उन्होंने सामाजिक क्रांति का जो दीप जलाया था, वह आज भी बहुजन समाज के संघर्ष का प्रेरणास्त्रोत है। इस अवसर पर अनिल कुमार ने भी महाराजा शाहू जी को नमन करते हुए कहा कि बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन मायावती जी ने जो मार्गदर्शन दिया है, उस पर अडिग रहकर हम बाबा साहेब और शाहू जी महाराज के अधूरे सपनों को बिहार की धरती पर साकार करने के लिए संकल्पबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि शाहू जी महाराज ने सर्वप्रथम ओबीसी वर्ग के लिए शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण लागू कर सामाजिक समरसता की दिशा में ऐतिहासिक पहल की थी। अब समय आ गया है कि उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाया जाए और सामाजिक न्याय की लड़ाई को निर्णायक दिशा दी जाए। इस अवसर पर मंच संचालन की जिम्मेदारी उदय प्रताप सिंह ने निभाई। समारोह में सामाजिक न्याय, शिक्षा, युवाओं की भागीदारी, और बहुजन एकता पर कई वक्ताओं ने विचार रखे। पूरा कार्यक्रम जोश और प्रेरणा से भरपूर रहा, जिसमें युवाओं की भागीदारी विशेष रूप से देखने को मिली। जयंती समारोह के माध्यम से बहुजन समाज पार्टी ने यह संदेश देने की कोशिश की कि छत्रपति शाहू जी महाराज और बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों को यदि कोई दल राजनीतिक रूप से जमीन पर उतार सकता है, तो वह केवल बसपा है।

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