- मोदी जी को कल ये जवाब देना चाहिए उनके प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल सीमांचल में एक सिख माइनॉरिटी मेडिकल कॉलेज के मालिक कैसे बन गए?
पीएम मोदी के बिहार दौरे पर PK ने कसा तंज, बोले - मोदी जी को कल ये जवाब देना चाहिए उनके प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल सीमांचल में एक सिख माइनॉरिटी मेडिकल कॉलेज के मालिक कैसे बन गए?
प्रशांत किशोर ने कल 20 जून को पीएम मोदी के बिहार दौरे पर तंज कसते हुए कहा कि सवाल ये नहीं है कि पीएम बिहार आ रहे हैं। अहम ये है कि वो बिहार क्यों आ रहे हैं। पीएम इसलिए आ रहे हैं क्योंकि बिहार में चुनाव हैं। लेकिन इस बार जब वो आएं तो उन्हें दो सवालों का जवाब देना चाहिए। पहला, 2015 में आरा से उन्होंने जो 1.25 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया था, उसका क्या हुआ। और दूसरा, उनके बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, जो कभी सीमांचल के एक सिख अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेज में क्लर्क की नौकरी करते थे, आज उसके मालिक कैसे बन गए।
प्रशांत किशोर ने 'DK टैक्स' पर तेजस्वी यादव को घेरा, बोले - जब आप सरकार में थे तब उन्हीं के साथ सत्ता में बैठकर मलाई खा रहे थे, अब बाहर आ गए हैं तो बाप-बाप कर रहे हैं
प्रशांत किशोर ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि आज तेजस्वी यादव 'DK टैक्स' पर बयानबाजी कर रहे हैं। लेकिन वो भूल गए कि डेढ़ साल पहले जब वह नीतीश कुमार के साथ सरकार में थे और उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे, तब भी मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वही व्यक्ति थे जिन पर आज वो 'DK टैक्स' को लेकर हमला कर रहे हैं। इसका मतलब ये है कि जब आप सत्ता में थे तो उनके साथ बैठकर मलाई खा रहे थे और आज जब आप सत्ता से बाहर हैं और आपकी मलाई बंद हो गई है तो आप बाप-बाप कह रहे हैं।
PK ने बिहार में अफसरों के तबादले और आयोगों में नियुक्तियों पर किया बड़ा हमला, बोले - नीतीश कुमार शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ नहीं हैं, ये फैसले CM नहीं उनके चंद सलाहकार ले रहे हैं
प्रशांत किशोर ने हाल ही में बिहार में अधिकारियों के तबादले और आयोगों में नेताओं और अफसरों के परिजनों की नियुक्ति को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि जितने भी तबादले और नियुक्तियां हुई हैं, वे नीतीश कुमार के फैसले नहीं हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि नेताओं और अफसरों ने जिस तरह से आयोगों में अपने परिजनों की नियुक्ति की है, वह नीतीश कुमार के राजनीतिक शैली के विपरीत है। नीतीश कुमार के खराब मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के कारण मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द बैठे चंद सलाहकार ही फैसले ले रहे हैं।

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