सीबीआई कोर्ट नंबर-1, पटना ने दिनांक 30/06/2025 को अभियुक्तों (1) अशोक कुमार, तत्कालीन एएओ, ओआईसीएल, डीओ-II, बैंक रोड, जैतपुर कोठी, पटना (2) अमरेंद्र कुमार मिश्रा, तत्कालीन सहायक, ओआईसीएल, डिवीजन ऑफिस, पूर्णिया, बिहार और (3) समीर कांत झा, बीमा एजेंट को निम्नलिखित सजा सुनाई।
1. (ए-2) अशोक कुमार और (ए-4) अमरेंद्र कुमार मिश्रा : (कुल 03 वर्ष कठोर कारावास और 30,000 रुपये का जुर्माना)
- धारा 420: 03 वर्ष कठोर कारावास और 5,000 रुपये का जुर्माना (जुर्माना न चुकाने पर 03 माह का साधारण कारावास)
- धारा 467: 03 वर्ष कठोर कारावास और 5,000 रुपये का जुर्माना (जुर्माना न चुकाने पर 03 माह का साधारण कारावास)
- धारा 468: 03 वर्ष कठोर कारावास और 5,000 रुपये का जुर्माना (जुर्माना न चुकाने पर 03 माह का साधारण कारावास)
- धारा 471: 03 वर्ष कठोर कारावास और 5,000 रुपये का जुर्माना (जुर्माना न चुकाने पर 03 माह का साधारण कारावास)
- धारा 477-ए: 03 वर्ष कठोर कारावास और 5,000 रुपये का जुर्माना (जुर्माना न चुकाने पर 03 माह का साधारण कारावास)
- धारा 13(2) r/w 13(1)(d): 03 वर्ष कठोर कारावास और 5,000 रुपये का जुर्माना (जुर्माना न चुकाने पर 03 माह का साधारण कारावास)
2. (ए-6) समीर कांत झा: (कुल 03 वर्ष कठोर कारावास और 7,000 रुपये का जुर्माना)
- धारा 420: 03 वर्ष कठोर कारावास और 5,000 रुपये का जुर्माना (जुर्माना न चुकाने पर 03 माह का साधारण कारावास)
- धारा 471: 01 वर्ष कठोर कारावास और 2,000 रुपये का जुर्माना (जुर्माना न चुकाने पर 03 माह का साधारण कारावास)
मामला संख्या RC0232005A0012 को सीबीआई ने 03.05.2005 को दर्ज किया था, जिसमें (1) शिव शंकर गुप्ता (सार्वजनिक सेवक), तत्कालीन शाखा प्रबंधक, ओआईसीएल, सहरसा, बिहार (2) अशोक कुमार, तत्कालीन एएओ, ओआईसीएल, डीओ-II, बैंक रोड, जैतपुर कोठी, पटना (3) नरेंद्र कुमार मिश्रा, तत्कालीन डीओ, ओआईसीएल, सहरसा (4) अमरेंद्र कुमार मिश्रा, तत्कालीन सहायक, ओआईसीएल, डिवीजन ऑफिस, पूर्णिया, बिहार (5) मोहन मिश्रा (निजी व्यक्ति) के खिलाफ आरोप लगाए गए थे कि इन्होंने जाली मवेशी बीमा पॉलिसियों का उपयोग करके ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को 50,000 रुपये की ठगी की। जांच के दौरान यह सामने आया कि नरेंद्र कुमार मिश्रा, तत्कालीन डीओ, ओआईसीएल, सहरसा और अशोक कुमार, तत्कालीन एएओ, ओआईसीएल, डीओ-II, बैंक रोड, जैतपुर कोठी, पटना ने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके सुपौल के पूर्व विधायक श्री अमरेंद्र मिश्रा और सुश्री लुसी कुमारी के फर्जी नामों पर मवेशी बीमा पॉलिसियां (संख्या 567/03 और 629/03) जारी कीं, जिससे ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, सहरसा को 50,000 रुपये का अनुचित नुकसान हुआ। तदनुसार, सीबीआई ने 30.09.2005 को अभियुक्तों (1) शिव शंकर गुप्ता (सार्वजनिक सेवक), तत्कालीन शाखा प्रबंधक, ओआईसीएल, सहरसा, बिहार (2) अशोक कुमार, तत्कालीन एएओ, ओआईसीएल, डीओ-II, बैंक रोड, जैतपुर कोठी, पटना (3) नरेंद्र कुमार मिश्रा, तत्कालीन डीओ, ओआईसीएल, सहरसा (4) अमरेंद्र कुमार मिश्रा, तत्कालीन सहायक, ओआईसीएल, डिवीजन ऑफिस, पूर्णिया, बिहार (5) मोहन मिश्रा (निजी व्यक्ति) (6) समीर कांत झा, बीमा एजेंट के खिलाफ धारा 120-बी r/w 420, 467, 468, 471, 477-ए, आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) r/w 13(1)(d) के तहत आरोप पत्र दायर किया। तीन अभियुक्त (1) शिव शंकर गुप्ता, तत्कालीन शाखा प्रबंधक, ओआईसीएल, सहरसा, बिहार, (2) नरेंद्र कुमार मिश्रा, तत्कालीन डीओ, ओआईसीएल, सहरसा और (3) मोहन मिश्रा (निजी व्यक्ति) का मुकदमे के दौरान निधन हो गया। मुकदमे के दौरान, सीबीआई ने 14 अभियोजन गवाहों की जांच की और अभियुक्तों के खिलाफ आरोपों के समर्थन में कई दस्तावेज और प्रदर्शन प्रस्तुत किए। माननीय कोर्ट ने अभियुक्तों के खिलाफ आरोपों में सत्यता पाई और तदनुसार, उन्हें दोषी ठहराया/सजा सुनाई।

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