पटना : चुनावी दबाव में की गई घोषणाएं-सरकार जले पर नमक छिड़क रही है - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 22 जून 2025

पटना : चुनावी दबाव में की गई घोषणाएं-सरकार जले पर नमक छिड़क रही है

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पटना, 22 जून (रजनीश के झा)। भाकपा (माले) के राज्य सचिव कामरेड कुणाल ने नीतीश सरकार की हालिया घोषणाओं को चुनावी दबाव में की गई घोषणाएं बताते हुए तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन, जीविका कार्यकर्ताओं के मानदेय, महिला समूहों के कर्ज और निर्धन परिवारों को 2 लाख रु. की सहायता जैसे मुद्दों पर सरकार का रवैया गंभीर न होकर, केवल लोगों को भ्रमित करने का प्रयास है।


जीविका कार्यकर्ताओं के मानदेय पर सवाल

सरकार ने जीविका कार्यकर्ताओं के सरकार की ओर से मिलने वाली 1500 रु. की राशि दुगुनी करने की घोषणा की है। जब स्वयं सरकार 6000 रु. मासिक आय तक के परिवारों को अतिनिर्धन मानती है, तब 3000 रु. की आय पर जीवन यापन कैसे संभव है? यह न केवल मज़ाक है, बल्कि संघर्षरत कार्यकर्ताओं के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि बढ़ा हुआ मानदेय राज्य सरकार देगी या यह राशि जीविका समूहों पर ही डाल दी जाएगी। साथ ही आशा, आंगनबाड़ी और रसोइया कार्यकर्ताओं के लिए सरकार की ओर से कोई घोषणा न होना भी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यदि सरकार न्यूनतम मज़दूरी के आधार पर ही मानदेय निर्धारित करे, तो यह राशि कम-से-कम 16000 रु. प्रति माह होनी चाहिए।


महिला समूहों के कर्ज पर ब्याज दर में कमी - एक छलावा

सरकार द्वारा जीविका समूहों की महिलाओं को दिए गए कर्ज पर ब्याज दर 10 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत करने की घोषणा को भी माले ने अस्वीकार्य बताया है। पार्टी की मांग थी कि सभी प्रकार के पुराने कर्ज माफ किए जाएं और महिलाओं को रोजगार हेतु सरकारी बैंकों से सुलभ और ब्याजमुक्त ऋण दिलवाया जाए। ब्याज दर में मामूली कटौती से महिलाओं की स्थिति में कोई ठोस सुधार नहीं होगा; यह उन्हें कर्ज के जाल में बनाए रखने की साजिश है।


2 लाख रु. की एकमुश्त सहायता की घोषणा - धोखा नहीं तो और क्या

राज्य के अतिनिर्धन 95 लाख परिवारों को 2 लाख रु. की सहायता अब एकमुश्त देने की घोषणा पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा कि क्या इसके लिए अब भी आय प्रमाण पत्र अनिवार्य होगा? यदि हाँ, तो इस प्रक्रिया में इतना विलंब होता है कि तब तक चुनाव संपन्न हो जाएंगे। यह साफ संकेत है कि सरकार का मकसद मदद करना नहीं, बल्कि लोगों को भ्रमित करके वोट हासिल करना है।


जनता अब भ्रमित नहीं होगी

अंत में कहा कि बिहार की जनता पिछले 20 वर्षों के भाजपा-जदयू शासन के चरित्र को भली-भांति समझ चुकी है। अब वह किसी झांसे में नहीं आएगी, और इस बार इस जनविरोधी और धोखेबाज़ सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी। इंडिया गठबंधन नए बिहार के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।

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