- सलारपुर में राहत चौकी का निरीक्षण, बच्चों की पढ़ाई न हो बाधित, संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा, रैनबसेरों की तैयारियों की समीक्षा, दिए सख्त निर्देश
- सफाई, स्वास्थ्य, बिजली, पशुधन, राहत सामग्री की व्यवस्था पर विशेष जोर
- कंट्रोल रूम, माक ड्रिल, पंपिंग मशीन और राहत शिविरों की गहन मॉनिटरिंग
ज्ञान प्रवाह नाले पर लगेंगे 10 पंप, जलजमाव नहीं होने देंगे
जिलाधिकारी ने सामने घाट क्षेत्र में ज्ञान प्रवाह नाले का भी निरीक्षण किया और वहां 10 पंपिंग मशीनें लगाने का आदेश दिया ताकि जलभराव से रहवासियों को कोई परेशानी न हो।
कलेक्ट्रेट स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष का निरीक्षण
बाढ़ की स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए डीएम ने कंट्रोल रूम का भी निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे सक्रिय रहे, और हर सूचना को तुरंत दर्ज कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। राहत सामग्री दृ राशन, दवाइयां, पेयजल दृ की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।
मंडलायुक्त ने ली बैठक, शहर-गांव के 46 राहत शिविर सक्रिय
मंडलायुक्त एस. राजलिंगम की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में 46 रैनबसेरों को क्रियाशील बनाने की योजना पर अमल शुरू हो चुका है दृ जिसमें 25 शहरी व 21 ग्रामीण क्षेत्र के शिविर शामिल हैं। इन रैनबसेरों में बेड, चादर, स्वच्छ पानी, शौचालय, गुणवत्तापूर्ण भोजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने नगर निगम को शहर भर में विशेषकर वरुणा नदी के किनारे सफाई अभियान चलाने, सायरन व लाउड हेलर एक्टिव रखने, माक ड्रिल आयोजित करने और सिविल डिफेंस की ड्यूटी लगाने के निर्देश भी दिए।
पशु, पुल, सड़क, बिजली व स्वास्थ्य सेवाएं भी अलर्ट मोड पर
ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं के लिए चारा, भूसा, पानी की व्यवस्था और टीकाकरण पर विशेष ध्यान देने को कहा गया। सेतु निगम व लोक निर्माण विभाग को सड़कों व पुलों की मरम्मत सुनिश्चित करने का निर्देश मिला। रेलवे पटरियों की सफाई, बिजली व्यवस्था की निरंतर निगरानी और स्वास्थ्य केंद्रों को पूरी तरह क्रियाशील बनाए रखने के निर्देश भी दिए गए। बैठक में एडीएम सिटी आलोक वर्मा, सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी, नगर निगम, पुलिस, एनडीआरएफ, सिंचाई, विद्युत, रेलवे समेत तमाम विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
रैनबसेरे होंगे बाढ़ प्रबंधन का केंद्र
मंडलायुक्त ने बताया कि शहर के 25 और ग्रामीण क्षेत्रों के 21 रैनबसेरों को पूर्ण रूप से सक्रिय कर दिया गया है। यहां पीने के पानी, शौचालयों की स्वच्छता, पर्याप्त बेड, चादरें और गुणवत्ता युक्त खाद्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। नगर निगम को पूरे शहर विशेषकर वरुणा नदी के किनारों पर लगातार सफाई अभियान चलाने के निर्देश दिए गए।
सुरक्षा व संचार व्यवस्था होगी सुदृढ़
आपात स्थिति से निपटने के लिए लाउड हेलर और सायरन की व्यवस्था एक्टिव की जाएगी और माक ड्रिल आयोजित की जाएगी। सिविल डिफेंस की पूरी ड्यूटी लगाई जाएगी तथा कंट्रोल रूम को पूरी तरह सक्रिय रखने और सूचना रजिस्टर अपडेट करने को कहा गया।
गांवों में भी व्यापक तैयारी
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए डीपीआरओ, बीडीओ, एडीओ पंचायत और लेखपालों की जिम्मेदारियां तय कर दी गई हैं। मंडलायुक्त ने गोआश्रय स्थलों की व्यवस्था दुरुस्त करने, पशुओं के लिए चारा, पानी, भूसा और टीकाकरण की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से शुरू करने के निर्देश दिए।
सड़कें, बिजली और रेलवे भी निगरानी में
सेतु निगम और लोक निर्माण विभाग को बाढ़ संभावित क्षेत्रों की सड़कों और पुलों की मरम्मत तथा सफाई के निर्देश दिए गए। रेलवे पटरियों की सफाई की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। वहीं बिजली विभाग को जलभराव वाले क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति की सतत निगरानी करने और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है।
स्वास्थ्य सेवाएं रहेंगी मुस्तैद
स्वास्थ्य विभाग को बाढ़ संभावित क्षेत्रों में सभी स्वास्थ्य केंद्रों को सक्रिय रखने और चिकित्सीय दलों की तैनाती सुनिश्चित करने को कहा गया। साथ ही कम्युनिटी किचन की नियमित सफाई व समय से खाद्य वितरण सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया।

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