- मैकेनाइज्ड केन्द्रीयकृत किचन प्रणाली का विरोध, प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ और मध्याह्न भोजन सांझा चूल्हा, रसोइया संघ कलेक्ट्रेट पहुंचा
प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ और मध्याह्न भोजन सांझा चूल्हा, रसोइया संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि यह योजना वतज़्मान में पोषण आहार एवं मध्यान्ह भोजन योजना में कार्यरत स्थानीय महिला स्व-सहायता समूहों के रोजगार पर सीधा प्रभाव डालती है। स्वरोजगार का हनन स्थानीय स्व-सहायता समूहों की हजारों महिलाएं पोषण आहार व मध्यान्ह भोजन के कार्य से जुड़ी हुई हैं। केन्द्रीयकृत रसोई व्यवस्था इन बहनों का रोजगार छीनने का कार्य कर रही है। गुणवत्ता एवं पोषण पर प्रभाव स्थानीय बहनों द्वारा ताजे, स्वदेशी खाद्यान्न से बनाया गया भोजन बच्चों को घर जैसा पोषण देता है, जबकि मशीन से बने भोजन की गुणवत्ता व ताजगी पर प्रश्नचिन्ह है। स्थानीय आत्मनिर्भरता और आत्मनिर्भर भारत की भावना के भी यह योजना विरुद्ध है। इस योजना से भ्रष्टाचार की आशंका रहेगी और केन्द्रीयकृत व्यवस्था में पारदर्शिता की कमी होगी और ठेकेदारी प्रथा और बिचौलियों के हस्तक्षेप की संभावनाएं बढेंगी। ज्ञापन देने वालों में रानी गोस्वामी,सुशीला बाई,राजकुंवर बाई,प्रेम बाई,ओम वटी,सुनीता बाई,भगवती बाई,रीनाबाई,सीमा बाई,श्यामा बाई,मुन्नी बी,कुंवर बाई सहित दो दर्जन से अधिक गांवों में संचालित महिला स्व सहायता समूह और मध्याह्न भोजन सांझा चूल्हा की रसोइया महिलाऐं शामिल रही।

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