- सनातन धर्म हमें एक नैतिक और आध्यात्मिक जीवन जीने का मार्ग दिखाता : अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा
चि_ी लिखकर भी लाते और बताते भगवान की कृपा
यहां पर आए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का कहना है कि हमारे संकट शिव पर विश्वास के साथ कथा सुनने के बाद दूर हो गए। वे यहां पर चि_ी लिखकर भी लाते हैं। वह कहते हैं कि जो काम दवाई नहीं कर पाई वो पंडित जी की कथा सुनकर भगवान भोले को एक लोटा जल अर्पित करने से पूरी हो गई। पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपनी कथा में ऐसे कई श्रद्धालुओं की चि_ियां का जिक्र किया। मंगलवार को कथा के दौरान सीहोर के इंदौर नाके क्षेत्र में रहने वाली एक बेटी का पत्र पढ़कर सुनाया। जिसमें लिखा था-बाबा पर विश्वास के कारण उनको संतान की प्राप्ति हुई है। वह धाम पर आई और सेवा के साथ पूजा अर्चना की और उसके बाद भगवान शंकर ने संतान का सुख प्रदान किया। इस तरह के अनेक पत्रों का वर्णन गुरुदेव ने अपनी कथा के दौरान किया।
एक गुरु का कर्तव्य है कि वह ज्ञान को सभी तक पहुंचाए, बिना किसी भेदभाव के
एक गुरु का कर्तव्य है कि वह ज्ञान को सभी तक पहुंचाए, बिना किसी भेदभाव के। वहीं सर्वश्रेष्ठ गुरु का लक्षण है। गुरु कभी भी अमीर और गरीब में भेदभाव नहीं करता है और सभी को अपनी ज्ञान की रोशनी से रोशन करता है। जन्म, मरण एवं परण सभी भगवान के हाथ में है। मनुष्य की देह बहुत मुश्किल से मिलती है। आज जो जीवन हमें मिला है उसे व्यर्थ ना गवाएं। छोटे-छोटे बच्चों को संस्कारित कर राष्ट्रहित की सोच के साथ अपने सनातनी धर्म की ओर अग्रसर करें। इस संसार में गुरु चमत्कार करने वाला नहीं भगवान से मिलाने वाला होना चाहिए। भगवान शिव पर भरोसा और विश्वास रखो। चमत्कार तो कुछ दिनों चलता है, लेकिन भगवान शिव को नमस्कार करने वाला हमेशा मस्त रहता है। हमें भक्त की तरह भक्ति करना चाहिए। हम पर एक अंश मात्र भी भगवान शिव की उदारता, करुणा होती है तो हमारा जीवन सफल हो जाता है। उन्होंने मनुष्य देह के बारे में विस्तार से वर्णन करते हुए कहाकि नेत्र, वाणी और श्रवण करने की शक्ति हमें ईश्वर के द्वारा प्रदान की गई है। उन्होंने लगाव और विश्वास का वर्णन करते हुए कहाकि आपको परिवार और संसार से लगाव रखते हुए भगवान पर विश्वास करते रहना चाहिए।

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