पटना : मिंटू पासवान के फॉर्म-6 के साथ निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय पहुंचा माले प्रतिनिधिमंडल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 14 अगस्त 2025

पटना : मिंटू पासवान के फॉर्म-6 के साथ निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय पहुंचा माले प्रतिनिधिमंडल

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पटना 14 अगस्त (रजनीश के झा)। 194, आरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से मृत घोषित कर एसआईआर से बाहर कर दिए गए मिंटू पासवान का फॉर्म-6 के साथ माले का आज एक उच्चस्तरीय प्रतिनिनिधमंडल मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार के कार्यालय पहुंचा, सीईओ महोदय से मुलाकात की और कहा कि पार्टी की ओर से अधिकृत रूप से यह कंपलेन दर्ज किया जाए. विदित हो कि यही मिंटू पासवान सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित हुए थे. माले राज्य सचिव कुणाल ने इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. उन्होंने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को एक ज्ञापन भी सौंपा और कहा किएसआईआर प्रक्रिया के अंतर्गत राज्य में कुल 65,64,075 मतदाताओं को मतदाता सूची से बाहर कर दिया गया है. इस संबंध में हमारी पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन द्वारा, पार्टी स्तर पर तथा अधिकृत बीएलए-2 के माध्यम से विभिन्न स्थलों पर उन नागरिकों के लिए आवेदन जमा किए गए हैं, जिनके नाम अनुचित रूप से मतदाता सूची से हटाए गए हैं. किन्तु, इस पूरी प्रक्रिया के दौरान, चुनाव कार्यालय द्वारा प्रतिदिन जारी किए जा रहे बुलेटिन में यह दर्शाया जा रहा है कि राजनीतिक दलों द्वारा कोई दावा या आपत्ति दर्ज नहीं की गई है. इससे जनमानस में एक भ्रामक एवं तथ्यविहीन धारणा बन रही है, जबकि वास्तविकता इसके विपरीत है.


टेलीफोनिक संवादों के माध्यम से हमें जानकारी मिली है कि ऐसे मामलों में, यदि फॉर्म-6 राजनीतिक दलों के बीएलए-2 द्वारा अग्रसारित कर बीएलओ को सौंपा जाता है, तो ही उसे अधिकृत शिकायत माना जाता है. किंतु यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि फॉर्म-6 में बीएलए के लिए हस्ताक्षर या अनुमोदन का कोई कॉलम उपलब्ध नहीं है, जिससे काफी भ्रम और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो रही है. परिणामस्वरूप, हम लगातार शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद, चुनाव आयोग के आधिकारिक रिकॉर्ड में ‘शून्य’ के रूप में दर्ज हैं. सीईओ महोदय ने कहा कि चूंकि उचित फार्मेट में नहीं होने के कारण राजनीतिक पार्टियों के खाते में नहीं चढ़ाया जा रहा है. माले राज्य सचिव ने यह भी कहा कि जरूरतमंदों के लिए आवास व जाति प्रमाण पत्र निर्गत किए जाने हेतु पंचायत स्तर पर कैंप लगाने का निर्देश चुनाव पदाधिकारी को निर्गत किया जाए. मिंटू पासवान के केस में सीईओ महोदय ने अपने फोन से संबंधित बीएलओ को फोन किया और पूछा कि मिंटू पासवान को कैसे मृत घोषित कर दिया गया? बीएलओ ने बताया कि किसी दूसरे मिंटू कुमार का नाम था, उनकी जगह इस मिंटू पासवान का नाम कट गया. तत्पश्चात मिंटू पासवान ने अपना फॉर्म - 6 सीईओ महोदय को देने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कहा कि यह जाकर बीएलओ को ही दें. प्रतिनिधिमंडल में माले राज्य सचिव के अलावा, मीडिया प्रभारी कुमार परवेज, आरा के सचिव कयामुद्दीन अंसारी, विशेश्वर पासवान, अगिआंव विधायक शिवप्रकाश रंजन, संतोष सहर आदि शामिल थे. माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि पूरी प्रक्रिया अपारदर्शी है. परिजनों से बिना कोई प्रमाण लिए किसी का नाम काटना अपराध की श्रेणी में आता है. चुनाव आयोग को इसकी जवाबदेही लेनी होगी.

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