- सेटेलाईट सर्वे ने दिया धोका केंद्रीय कृषिमंत्री के सांसदीय क्षेत्र के बोरखेड़ा और मुहाई्र के किसानों को नहीं मिला फसल बीमा क्लेम
- केंद्रीय कृषि मंत्री के क्षेत्र दो हजार से अधिक किसानों के करोड़ों रूपये अटके
किसानों ने बताया कि बीते दिनों राजस्थान के झुनझुनु से केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा वर्ष 2023 से 2024 और वर्ष 2024 से 2025 के मध्य ओलावृष्ट्री अतिबारिश के कारण बर्बाद हुई फसलों की बीमा क्लेम राशि किसानों के एकाउंट में डलवाई गई थी आसपास के सभी गांवों के किसानों को बीमा क्लेम की राशि मिल गई है लेकिन दो हजार की आबादी वाले बोरखेड़ा और मुहाई्र के किसानों को बीमा क्लेम नहीं मिला है। किसानों ने बताया की फसल खराब होनेे के नुकसान से बचने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराया था हमारे बैंक खातों से बीमा कंपनी के द्वारा बराबर बीमे की प्रीमियम की राशि भी काटी गई। लेकिन प्राकृतिक आपदा के कारण क्षेत्र के किसानों की लगभग तीन हजार एकड़ में बोई गई सोयाबीन की फसल खराब होने पर हमें बीमा क्लेम की राशि नहीं दी गई।
किसान धमेंद्र पटेल, मोहन पटेल, विजय पटेल, संतोष चौब,े दिनेश शर्मा, ललित पुरोहित, कपिल चौब,े उमेश मातवा, पवन गोयल, कैलाश ऋषभ, हेमंत शर्मा, दीपचंद पटेल,संदीप जाट,कैलाश जाट,महेन्द्र मातवा,मोहनलाल,दिनेश जाट,कपिल,गोविंदा,जय प्रकाश अभिषेक ने बताया की मुख्यमंत्री रहते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं बोरखेड़ा पहुंचे थे किसान धमेंद्र पटेल के खेत में खड़े होकर फसल खराब होने पर किसानों को पर्याप्त मुआवजा और बीमा राशि दिलाने का आश्वासन दिया था लेकिन दो वर्ष बीत गए है मुआवजा तो छोड़ों बीमा क्लेम की राशि भी अबतक नहीं दी गई है। पैसा नहीं मिलने से किसान अपना कर्ज नहीं चुका पा रहे है। किसानों ने कहा कि प्रति एकड़ सोयाबीन की फसल में 30 से 40 हजार रूपये का खर्च आता है जिस कारण 40 हजार प्रति हेक्टेयर का बीमा क्लेम और मुआवजा भी मिलना चाहिए।

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