- न्यायपालिका की गरिमा पर हमला अस्वीकार्य
पार्टी ने मांग की है कि इस अपराध में संलिप्त अधिवक्ता — जो सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के सदस्य हैं — के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह न्यायपालिका की गरिमा पर हमला करने का साहस न कर सके. पोलित ब्यूरो ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भाजपा और आरएसएस से जुड़े कई मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और नेता जिस खुलेपन से जातिवादी, मनुवादी और सांप्रदायिक बयानबाज़ी कर रहे हैं, उसने ऐसे असामाजिक तत्वों को उकसाया है। यह घटना उसी ज़हरीले माहौल का परिणाम है जिसमें संविधान और उसकी संस्थाओं को कमजोर करने की योजनाएँ लगातार चल रही हैं. सीपीएम का मानना है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता, उसकी गरिमा और संविधान के मूल मूल्यों की रक्षा करना हर नागरिक, संगठन और राजनीतिक दल का नैतिक व लोकतांत्रिक दायित्व है. पार्टी इस घृणित घटना की कड़ी निंदा करते हुए देशभर के लोकतांत्रिक जनों से अपील करती है कि वे न्यायपालिका और संविधान पर हो रहे इन हमलों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ बुलंद करें.

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