पटना : कृषि अनुसंधान परिसर में राष्ट्रीय एकता दिवस का आयोजन* - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2025

पटना : कृषि अनुसंधान परिसर में राष्ट्रीय एकता दिवस का आयोजन*

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पटना (रजनीश के झा)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में दिनांक 31 अक्टूबर 2025 को लौहपुरुष एवं प्रथम उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस बड़े उत्साह और देशभक्ति की भावना के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास द्वारा राष्ट्रीय एकता शपथ दिलाने के साथ हुआ। संस्थान के सभी कर्मचारियों की सहभागिता से “रन फॉर यूनिटी” (एकता दौड़) एवं संस्थान के आईएआरआई हब पटना के छात्रों और कर्मियों के बच्चों के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस से संबंधित चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसके द्वारा राष्ट्रीय एकता और अखंडता का संदेश दिया गया। निदेशक डॉ. अनुप दास ने राष्ट्रीय एकता दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि —“एकता ही राष्ट्र की सबसे बड़ी पूँजी है। जब हम सद्भाव, भाईचारे और सहयोग की भावना से एकजुट होकर कार्य करते हैं, तभी वास्तविक प्रगति संभव होती है। विकास के लिए व्यक्तिगत स्वार्थ का त्याग और सामूहिक भावना का उत्थान आवश्यक है।” उन्होंने सभी कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे संस्थान और देश की अखंडता, प्रगति तथा समृद्धि के लिए समर्पित होकर कार्य करें। साथ ही, उन्होंने राष्ट्रीय एकता दिवस के सफल आयोजन के लिए सभी को हार्दिक बधाई दी। इससे पूर्व, कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत करते हुए डॉ. उज्जवल कुमार, प्रभागाध्यक्ष, सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार ने सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन एवं योगदान पर प्रकाश डालते हुए उन्हें आधुनिक भारत का शिल्पकार बताया। उन्होंने सरदार पटेल की दृढ़ इच्छाशक्ति, कुशल कूटनीति और राष्ट्रीय दृष्टिकोण की प्रशंसा की तथा राष्ट्र के एकीकरण हेतु उनके अद्भुत योगदान की सराहना की | 


डॉ. आशुतोष उपाध्याय, प्रभागाध्यक्ष, भूमि एवं जल प्रबंधन ने अपने उद्बोधन में सरदार पटेल के अखंड भारत निर्माण में योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” विषय पर अपनी स्वरचित प्रेरणादायक कविता प्रस्तुत की, जिसमें राष्ट्रीय एकता, समर्पण और भाईचारे का संदेश निहित था। इस दौरान, श्री पुष्पनायक, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी एवं श्री रजत कुमार दास, वित्त एवं लेखाधिकारी ने “शक्तियों का प्रत्यायोजन” विषय पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। सत्र के दौरान कर्मियों ने विभिन्न व्यावहारिक प्रश्न पूछे जिनका अधिकारियों ने संतोषजनक उत्तर दिया। कार्यक्रम में राँची, बक्सर और रामगढ़ केंद्रों के कर्मी भी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े। कार्यक्रम में संस्थान एवं केन्द्रों के लगभग 200 से ज्यादा लोगों ने सहभागिता की | डॉ. अनिर्बन मुखर्जी, वैज्ञानिक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ |

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