दिल्ली : बार परीक्षा की तैयारी में नई पीढ़ी के अधिवक्ताओं के लिए उपयोगी रही कार्यशाला : आशुतोष पांडेय - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 22 दिसंबर 2025

दिल्ली : बार परीक्षा की तैयारी में नई पीढ़ी के अधिवक्ताओं के लिए उपयोगी रही कार्यशाला : आशुतोष पांडेय

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नई दिल्ली (अशोक कुमार निर्भय )। दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता एवं माई राइट्स एनजीओ के कानूनी सलाहकार एडवोकेट आशुतोष पांडेय ने तीस हज़ारी बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डीके शर्मा, वाइस प्रेसिडेंट दीपक त्यागी हनी सेक्रेटरी विकास गोयल,सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रोहित पांडेय तथा सभी सहयोगी अधिवक्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया है। यह आभार हाल ही में नई पीढ़ी के अधिवक्ताओं के लिए आयोजित उस कार्यशाला के सफल आयोजन को लेकर जताया गया, जिसका उद्देश्य बार परीक्षा की तैयारियों के साथ-साथ व्यावहारिक कानूनी समझ को सुदृढ़ करना था। हाल ही में आयोजित कार्यशाला में बड़ी संख्या में नए अधिवक्ताओं ने भाग लिया था। इस दौरान उन्हें कानून की बुनियादी अवधारणाओं, संवैधानिक ढांचे, न्यायिक प्रक्रियाओं और अधिवक्ता की पेशेवर जिम्मेदारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। वक्ताओं ने बताया कि बार परीक्षा केवल एक औपचारिक परीक्षा नहीं है, बल्कि यह अधिवक्ता के पेशे में प्रवेश का महत्वपूर्ण पड़ाव है, जिसके लिए ठोस तैयारी और स्पष्ट दृष्टिकोण आवश्यक है। कार्यशाला के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ताओं डी के शर्मा,दीपक त्यागी,विकास गोयल समेत सुप्रीम कोर्ट के बार एसोसिएशन के पूर्व हनी सेक्रेटरी रोहित पांडेय  ने अपने लंबे अनुभव साझा किए और बताया कि किस प्रकार अदालतों में व्यावहारिक ज्ञान, कानून की गहन समझ और नैतिक मूल्यों का संतुलन एक सफल अधिवक्ता की पहचान बनता है। नए अधिवक्ताओं को केस स्टडी, अदालती व्यवहार, तर्क प्रस्तुत करने की शैली और कानूनी दस्तावेजों की तैयारी जैसे विषयों पर मार्गदर्शन दिया गया। सभी वक्ताओं ने यह भी कहा कि निरंतर अध्ययन और अनुशासन ही कानूनी क्षेत्र में आगे बढ़ने की कुंजी है।


कार्यक्रम में शामिल कई युवा अधिवक्ताओं ने कहा कि इस कार्यशाला से उन्हें न केवल परीक्षा की तैयारी में स्पष्टता मिली, बल्कि न्यायालय में कार्य करने के व्यावहारिक पहलुओं को समझने का अवसर भी प्राप्त हुआ। उन्होंने माना कि वरिष्ठ अधिवक्ताओं से सीधे संवाद और उनके अनुभव सुनना उनके लिए अत्यंत लाभकारी रहा। इस प्रकार के आयोजनों से नए अधिवक्ताओं में आत्मविश्वास बढ़ता है और वे अपने पेशे को लेकर अधिक सजग हो पाते हैं। कार्यशाला के समापन पर माई राइट्स एनजीओ के कानूनी सलाहकार एडवोकेट आशुतोष पांडेय ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम न्यायिक प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने कहा कि नए अधिवक्ताओं को सही मार्गदर्शन देना हम सभी की जिम्मेदारी है, ताकि वे कानून की सही परिभाषा और उसके उद्देश्य को समझ सकें। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन दिल्ली की सभी जिला न्यायालयों में किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक युवा अधिवक्ता लाभान्वित हो सकें। आशुतोष पांडेय ने यह भी कहा कि तीस हज़ारी बार एसोसिएशन और इसमें जुड़े वरिष्ठ अधिवक्ताओं का सहयोग इस आयोजन की सफलता का मुख्य आधार रहा। उन्होंने सभी वक्ताओं और आयोजकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि सामूहिक प्रयासों से ही अधिवक्ता समुदाय को सशक्त और संगठित बनाया जा सकता है। इस कार्यशाला ने यह संदेश दिया कि अनुभव और नवाचार के समन्वय से न्यायिक पेशे को नई दिशा दी जा सकती है।

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