सीहोर : कन्हैया की बाल लीलाऐं हमें प्रभू के होने का देती है संकेत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 18 दिसंबर 2025

सीहोर : कन्हैया की बाल लीलाऐं हमें प्रभू के होने का देती है संकेत

माताऐं ठाकुरजी का ध्यान अपने घर में बालक की भांति रखें- प्रज्ञा विष्णु प्रिया  श्रद्धालु महिलाओं ने हरे वस्त्र पहनकर किया गोवर्धन का पूजन सिंधी कॉलोनी मैदान पर शिव शक्ति सांस्कृतिक मंडल के द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा का पांचवा दिन गुरूवार को उमड़े सैकड़ों श्रद्धालु

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सीहोर। सिंधी कॉलोनी मैदान पर शिव शक्ति सांस्कृतिक मंडल के द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा के पांचवे दिन पंडाल सैकड़ों श्रद्धालुओं से भर गया।  भागवत व्यास प्रज्ञा विष्णु प्रिया ने शुकदेव प्राकट्य,शिव विवाह,कृष्णजन्म कथा के बाद पंचम दिवस गुरूवार को गोवर्धन पूजा प्रसंग श्रद्धालुओं के समक्ष प्रस्तुत किया। पंडाल में श्रद्धालु महिलाओं ने हरे वस्त्र पहनकर गोवर्धन का पूजन किया। कन्हैया की बाल लीलाऐं और कर्मा बाई की कथा रखते हुए प्रज्ञा विष्णु प्रिया ने कहा कि भगवान की बाल लीलाऐं हमें प्रभू के होने का संकेत देती है। माताऐं ठाकुरजी का ध्यान अपने घरों में बालक की भांति रखे और भक्ति भाव से प्रभू का भजन करते रहे। पंचम दिवस कथा का शुभारंभ शिव शक्ति सांस्कृतिक मनोज शर्मा,ममता शर्मा, महिला मंडल अध्यक्ष प्रीति सोनी ने श्रद्धालुओं के साथ भागवत गीता और देवी देवताओं को पूजन किया और विश्वकल्याण के लिए प्रार्थना की। तत्पश्चात मधुर भजनों के साथ प्रज्ञा विष्णु प्रिया ने कथा का प्रारंभ किया। उन्होने कहा कि अब हम भागवत महापुराण के हृदय में प्रवेश कर चुके हैं क्योंकि इस कथा का दशम स्कंदन अब हम सुन रहे हैं। इस महापुराण का दशम स्कंध पूरी महापुराण का हृदय है। इसी दशम स्कंद में ठाकुर जी की लीलाएं हैं। ठाकुरजी की बाल लीलाएं किसी पुराण में नहीं मिलेगी इसलिए यह लीला इस कथा का हृदय है।


लगाव और समर्पण हमें दिखाता है भक्ति मार्ग

उन्होने कहा कि राजा बलि कथा, ठाकुरजी जन्म कथा, भारतजी का चलचित्र, रामजी का चरित्र और भक्त प्रहलाद कथा, समुद्र मंथन कथा और गजेंद्र मोक्ष कथा हमें प्रभू की भक्ति से मिलने वाली शक्ति का दर्शन कराती है ठाकुरजी केे प्रति लगाव और समर्पण हमें भक्ति मार्ग पर ले जाता है। प्रभु की शरण में जाने से संसार के सभी दुख स्वत: समास्त हो जाते है। हम पहले प्रणाम करे ठाकुर जी के सुंदर रूप कैसा ध्यान करें कैसे ठाकुरजी के नेत्र हैं कैसे ठाकुर जी का रूप है ऐसे घुंघराले उनके बाल है कैसा उनका कोमल शरीर है नीलकमल के सुमन ठाकुर का वर्ण है। ठाकुरजी के चार हाथ है, सॉन्ग, चक्र, गदा, और पदमा लिए ठाकुर जी मनमोहक है। चक्र गधा से कंस को भगवान मारते है। ठाकुरजी से नजर मिलाकर रखे उनको सब बताकर चले सब कुछ अच्छा होगा।


ठाकुरजी का ध्यान रखो बालक की तरह

उन्होने कहा कि ठाकुर जी का घर में माताऐं पूरा ध्यान रखें समय से भोज खिलाऐं, समय से स्नान कराऐं, अभी ठंड है तो रोज रोज स्नान मत कराओ,थोड़े हल्के गर्म पानी से प्रभू को स्नान करवाओ आपके घर में जो छोटा बालक है उसके प्रति जैसा भाव है वैसा भाव ठाकुर जी के प्रति रखो जितना ध्यान उसका रखते हो उतना ध्यान ठाकुर जी का रखो। छोटा बालक होता है कितना ध्यान से हम उसका ध्यान रखते है। ठाकुर जी का सोलह सिंगार करो लोग खुद के लिए तो इतना धन लगा देते हैं लेकिन ठाकुरजी का ध्यान नहीं रखते है इस कारण ठाकुरजी भी उनका ध्यान नहीं रखते है। उन्हें को किसी की जरूरत नहीं है स्वयं संसार के मालिक है जगत के स्वामी है। भगवान ने भक्त की सरलता पर रिझ जाते है। 

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