- रोजगार से बदलेगा भविष्य, हर हाथ को काम, मजबूत होगा परिवार
- इंटरनेशनल मोबिलिटी कॉन्क्लेव - 2025 का वाराणसी में भव्य आयोजन
काशी रोजगार महाकुंभ से वैश्विक मंच तक
श्रम मंत्री ने बताया कि वाराणसी में आयोजित काशी रोजगार महाकुंभ और उससे पहले लखनऊ में हुए रोजगार महाकुंभ के माध्यम से हजारों युवाओं को नौकरी के अवसर मिले। उन्होंने दावा किया कि आज उत्तर प्रदेश की बेरोजगारी दर देश में सबसे न्यूनतम स्तर पर है, जो स्वतंत्रता के बाद पहली बार देखने को मिली है।
यूपी को मिला अंतरराष्ट्रीय भर्ती का अधिकार
अनिल राजभर ने बताया कि भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश को ग्लोबल हायरिंग लाइसेंस प्रदान किया है। अब प्रदेश सरकार सीधे किसी भी देश की सरकार से समझौता कर अपने युवाओं को विदेशों में रोजगार दिला सकेगी। इससे फर्जी एजेंटों और धोखाधड़ी पर भी प्रभावी रोक लगेगी।
रोजगार के मोर्चे पर भाजपा सरकार की बड़ी उपलब्धि
उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से बताया कि 2007 से 2012 के बीच केवल 38 हजार सरकारी नौकरियां दी गईं। 2012 से 2017 के दौरान 1.39 लाख सरकारी नौकरियां मिलीं। 2017 के बाद भाजपा सरकार ने 8 वर्षों में 9 लाख सरकारी और 14 लाख निजी क्षेत्र की नौकरियां सृजित कीं।
मुंबई, सूरत और बेंगलुरु तक पहुंचेगा अभियान
श्रम मंत्री ने बताया कि नोएडा और वाराणसी के बाद आने वाले दिनों में मुंबई, सूरत और बेंगलुरु जैसे औद्योगिक शहरों में भी ऐसे रोजगार सेमिनार आयोजित किए जाएंगे, ताकि प्रदेश के अधिकतम युवाओं को रोजगार का अवसर मिल सके। उत्तर प्रदेश अब रोजगार की तलाश में नहीं, बल्कि दुनिया को कुशल मानव संसाधन देने वाला राज्य बनकर अपनी पहचान मजबूत कर रहा है। श्रम मंत्री ने कहा कि यह आयोजन इस बात पर मंथन के लिए है कि प्रदेश के युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कैसे अवसर दिलाए जाएं। इसमें देश-विदेश से जुड़े रोजगार विशेषज्ञों की भागीदारी रही।
“इंटरनेशनल मोबिलिटी कॉन्क्लेव - 2025” का आयोजन
इसके पूर्व रोजगार मिशन लागू होने के बाद बदलते दौर में सेवायोजन विभाग की योजनाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से उसी होटल में “इंटरनेशनल मोबिलिटी कॉन्क्लेव - 2025” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन समन्वय मंत्री अनिल राजभर ने दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर डा. एम.के. शन्मुगा सुंदरम (प्रमुख सचिव, श्रम एवं सेवायोजन), सतेन्द्र कुमार (जिलाधिकारी), हिमांशु नागपाल (नगर आयुक्त), पी.के. पुंडीर (अपर निदेशक, सेवायोजन), सुनील शाह, सुरभि सिंह (कंट्री कोऑर्डिनेटर) और कैथरीन लाज (आईएलओ) सहित कई वरिष्ठ अधिकारी व विशेषज्ञ मौजूद रहे।
इजरायल से जर्मनी-जापान तक यूपी के युवाओं की मांग
प्रमुख सचिव डा. एम.के. शन्मुगा सुंदरम ने बताया कि मार्च 2024 में प्रदेश से 6000 श्रमिकों को इजरायल में रोजगार दिलाया गया, जहां उन्हें औसतन दो लाख रुपये प्रतिमाह वेतन मिल रहा है। इसी कड़ी में जर्मनी और जापान सहित अन्य देशों में भी कुशल व तकनीकी युवाओं को रोजगार दिया जा रहा है।
विदेश जाने से पहले प्रशिक्षण जरूरी
जिलाधिकारी सतेन्द्र कुमार ने कहा कि विदेशों में रोजगार पाने वाले युवाओं को संबंधित देशों की भाषा, कानून और कार्य-संस्कृति की जानकारी देना आवश्यक है, ताकि वे वहां बिना किसी कठिनाई के बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
रोजगार संगम पोर्टल बना सेतु
कार्यक्रम में बताया गया कि उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन के तहत विकसित पोर्टल के माध्यम से कैंपस प्लेसमेंट, डायरेक्ट हायरिंग, विदेशों में रोजगार, ऑनलाइन काउंसलिंग और लर्निंग मैनेजमेंट जैसी सुविधाएं एक ही मंच पर उपलब्ध हैं।
वन ट्रिलियन इकोनॉमी की ओर कदम
विदेशों में रोजगार से जहां युवाओं की जीवनशैली बेहतर हो रही है, वहीं प्रदेश को विदेशी मुद्रा की प्राप्ति भी हो रही है। यह पहल उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही है। विगत वर्ष इजरायल में निर्माण और अन्य क्षेत्रों में 6000 से अधिक युवाओं को रोजगार दिया गया, जिनका वेतन 1.80 लाख रुपये प्रतिमाह तक है। वहीं जर्मनी और जापान में नर्सिंग केयर गिवर पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है, जहां 2.50 लाख रुपये मासिक वेतन प्रस्तावित है। इससे जहां युवाओं की जीवनशैली में सुधार हो रहा है, वहीं प्रदेश को विदेशी मुद्रा भी प्राप्त हो रही है, जो वन ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य को साकार करने में सहायक सिद्ध होगी।
हर जिले में रोजगार मेले, पारदर्शी चयन
सेवायोजन विभाग द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों में रोजगार मेलों का आयोजन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन के लागू होने के बाद इन मेलों को और अधिक व्यापक एवं पारदर्शी बनाया गया है। सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, एफएम चैनल, बैनर-पोस्टर सहित विभिन्न माध्यमों से इनका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

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