- मनरेगा में बदलाव कर महात्मा गांधी के नाम को हटाने की साज़िश के ख़िलाफ़ वामपंथी दलों ने जुलूस निकालकर समाहरणालय के समक्ष किया प्रदर्शन
सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले जिला सचिव उमेश कुमार ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान वामपंथी दलों के प्रयास से मनरेगा को कानूनी दर्जा दिया गया। मनरेगा ऐसा क्रांतिकारी कदम था, जिसका फायदा करोड़ों ग्रामीण व गरीब परिवारों को मिला। इसने लोगों को रोजगार का कानूनी हक़ दिया और ग्राम पंचायतों को ताकत मिली। लेकिन मोदी सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया है। न सिर्फ महात्मा गांधी का नाम हटाया, बल्कि मनरेगा का स्वरूप मनमाने ढंग से बदल दिया। मोदी सरकार ने इस कानून को कमजोर करके देश के करोड़ों किसानों, श्रमिकों और गरीबों के हितों पर हमला किया है। सभा को संबोधित करते हुए माकपा जिला सचिव रामाश्रय महतो ने मोदी सरकार से मनरेगा का बदले गये नाम जी राम जी वापस लेने, मनरेगा कानून से महात्मा गांधी का नाम हटाने की साज़िश बंद करने, मनरेगा में संपूर्ण राशि का वहन केंद्र सरकार द्वारा करने, मजदूरी बढ़ाने, मनरेगा को कृषि से जोड़ने की मांग की। सभा को संबोधित करते हुए भाकपा जिला सचिव सुरेंद्र कुमार मुन्ना ने किसानों- मजदूरों से जन विरोधी- फासीवादी मोदी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरकर आंदोलन तेज करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा का मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाकर मोदी सरकार महात्मा गांधी की पुन: हत्या की साज़िश कर रही है जिसे वाम दल कामयाब नहीं होने देगी। इसके खिलाफ संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। मौके पर संयुक्त वाम दलों द्वारा 5-6 जनवरी को जिला के सभी प्रखंडों पर धरना-प्रदर्शन करने की घोषणा की गई।

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