- देखते ही देखते बारात की यह झलक सोशल मीडिया की दीवारों पर छा गई, फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर वीडियो और तस्वीरें ट्रेंड करने लगीं
भव्य थीम पर सजे मंच पर दिव्य और धियान ने जब एक-दूसरे के गले में वरमाला डाली, तो पल मानो थम-सा गया। वैदिक मंत्रोच्चार की पवित्रता ने वातावरण को और भी आध्यात्मिक बना दिया। अग्नि के समक्ष सात फेरे लेते समय दोनों के चेहरे पर जीवन के सबसे पावन वचन लिखे जा रहे थे। यह वो क्षण था जिसे मो बाइल कैमरों ने कैद किया और दिलों ने महसूस किया। शादी में भदोही, वाराणसी, दिल्ली, मुंबई से लेकर सात समुंदर पार के कई नामचीन मेहमान मौजूद थे। उद्योग जगत, राजनीति, समाजसेवा और कला-संस्कृति से जुड़े दिग्गज इस विवाह समारोह के साक्षी बने। रुपेश बरनवाल, जो भदोही के प्रमुख कालीन उद्योगपति और एक्सपोर्टर के रूप में जाने जाते हैं, हमेशा से गरीब बुनकरों और मजदूर परिवारों के बीच त्योहार मनाने, सहयोग करने और खुशियां बांटने के लिए प्रसिद्ध रहे हैं। उनकी विनम्रता और सामाजिक जुड़ाव ही इस विवाह समारोह में उमड़ी भीड़ की आत्मीयता का सबसे बड़ा प्रमाण थे। सोमवार की शाम इसी लॉन में आयोजित रिसेप्शन ने उत्सव को और भी भव्य बना दिया। रोशनी से जगमगाते परिसर में मेहमानों ने नवदंपति को आशीर्वाद दिया। मंत्री, विधायक, उद्योगपति और समाज के हर वर्ग से जुड़े लोग इस खुशी में शामिल हुए। दिव्य और धियान का यह शुभ मिलन न केवल दो परिवारों का संगम है, बल्कि संस्कृतियों की अनूठी एकता का प्रतीक भी है। बाबा विश्वनाथ की नगरी में संकल्पित यह बंधन आने वाले वर्षों में प्रेम, सहयोग और समृद्धि की नई कहानी रचे, यही हर किसी की दिली दुआ रही।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें