- काशी विश्वनाथ धाम में उमड़ी श्रद्धालुओं की ऐतिहासिक भीड़, पहले ही दिन 10 लाख से अधिक आगमन का अनुमान
- गंगा स्नान और नौका विहार के लिए लाखों श्रद्धालु दशाश्वमेध, अस्सी, नमो घाट, संकटमोचन और सारनाथ की ओर उमड़ पड़े हैं
भीड़ की गंभीरता को देखते हुए नए साल से पहले मंदिर प्रशासन ने टप्च् एंट्री और स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी है। अब केवल झांकी दर्शन की ही अनुमति दी गई है। प्रशासन का स्पष्ट संदेश है, “हमारे लिए सभी श्रद्धालु वीवीआईपी हैं।” हालांकि प्रोटोकॉल से आने वाले लोगों के लिए अलग गेट निर्धारित किया गया है, जिससे व्यवस्था संतुलित बनी रहे। मंदिर प्रशासन लगातार अनाउंसमेंट के माध्यम से श्रद्धालुओं को दिशा-निर्देश दे रहा है, किस गेट से प्रवेश करना है, किस मार्ग से निकलना है, इसकी स्पष्ट जानकारी दी जा रही है, ताकि किसी को असुविधा न हो। दूसरी ओर, मां गंगा के घाटों पर भी आस्था का ज्वार देखने को मिल रहा है। गंगा स्नान और नौका विहार के लिए लाखों श्रद्धालु दशाश्वमेध, अस्सी, नमो घाट, संकटमोचन और सारनाथ की ओर उमड़ पड़े हैं। कोहरे और ठंड के बीच जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें लगातार निगरानी में जुटी हैं। यातायात सुगमता बनाए रखने के लिए कई मार्गों पर वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया है। गलियों से लेकर सड़कों तक श्रद्धालुओं की अटूट कतारें आधी रात तक नजर आ रही हैं। हर कोई नए साल की पहली सुबह बाबा विश्वनाथ के दर्शन और मां गंगा के पावन स्नान के साथ अपने जीवन का नया अध्याय शुरू करना चाहता है। नववर्ष की पूर्व संध्या पर काशी यह संदेश दे रही है कि यह केवल एक शहर नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और चेतना का जीवंत तीर्थ है, जहां हर कदम पर भक्ति है, हर सांस में शिव है और हर दृश्य में अनंत विश्वास।

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