- बनारस में लगाए गए करीब 1.11 लाख स्मार्ट मीटरों में से 59,984 उपभोक्ताओं के कनेक्शन को बिना सहमति के पोस्टपेड से प्रीपेड मोड में बदल गया
संसद में पोस्टपेड डिफॉल्ट, फिर जबरन प्रीपेड क्यों?
संघर्ष समिति ने बताया कि केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री द्वारा संसद में यह स्वीकार किया जा चुका है कि पोस्टपेड व्यवस्था आज भी डिफॉल्ट मोड में है और बिजली कंपनियों का एटी एंड सी लॉस 27.11 फीसदी से घटकर 19.54 फीसदी हो चुका है। इसके बावजूद उपभोक्ताओं पर जबरन स्मार्ट प्रीपेड मीटर थोपना सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है।
किसान, मजदूर एकजुट, निजीकरण के खिलाफ बनेगा बड़ा मोर्चा
संघर्ष समिति ने ऐलान किया कि बिजली कर्मचारियों पर हो रही उत्पीड़नात्मक कार्रवाइयों और निजीकरण के खिलाफ अब आंदोलन को किसान संगठनों और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर निर्णायक रूप दिया जाएगा। प्रदेशभर में बिजली पंचायत, महापंचायत, जनसंपर्क अभियान और रैलियां आयोजित कर आम उपभोक्ताओं को भी आंदोलन से जोड़ा जाएगा। संघर्ष समिति ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि निजीकरण वापस होने और कर्मचारियों पर की गई सभी दमनात्मक कार्रवाइयां समाप्त होने तक आंदोलन रुकेगा नहीं। सभा को अंकुर पाण्डेय, आनंद सिंह, राजेश सिंह, रंजीत पटेल, जयप्रकाश, धनपाल सिंह, राजेश पटेल, अजित पटेल, सरोज भूषण, प्रवीण सिंह, देवेंद्र सिंह, अरुण कुमार, रमेश कुमार, नागेंद्र कुमार सहित कई नेताओं ने संबोधित किया।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें