भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कानून बनाने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर अनशन पर बैठे वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एवं गांधीवादी नेता अन्ना हजारे ने बीजेपी की पूर्व नेता उमा भारती से गुरुवार को माफी मांगी।
गौरतलब है कि बुधवार को धरना स्थल पर पहुंचीं उमा भारती को अन्ना हजारे के कुछ समर्थकों ने बैरंग वापस भेज दिया था, जिससे वह उनसे नहीं मिल पाईं थीं।
जंतर-मंतर पर मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान अन्ना हजारे ने कहा, ' कल (बुधवार को) मेरी बहन उमा भारती यहां आई थीं, लेकिन कुछ लोगों ने उन्हें लौटा दिया। ' अन्ना हजारे ने कहा, ' मुझे इससे काफी दुख पहुंचा और मैं उनसे क्षमा चाहता हूं। भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी इस प्रदर्शन में सभी लोगों को यहां बैठने का अधिकार है। '
उन्होंने कहा कि राजनेता यहां आ सकते हैं बशर्ते उन्हें मेरे मंच पर बैठने की बजाय भीड़ के बीच बैठना पड़ेगा। यह लोगों का आंदोलन है और इसको राजनीतिक रूप देना गलत होगा।
मतलब क्या निकाले इसका, अन्ना का नेतृत्व है और अन्ना चाहते हैं कि राजनेता इस आन्दोलन का हिस्सा बनें, अन्ना के समर्थक को इस से इनकार है ये कैसा विरोधाभास है ?

2 टिप्पणियां:
जनता उमाजी को नेत्री समझती है और हैं वो साध्वी, बस एक भ्रम हो गया था जनता को और कुछ नहीं.
कुछ उचित सा नहीं लगा मामला...
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