चल पड़ी हूँ एक सफ़र पर,
ना मंजिल का ठिकाना है,
राह में कांटे भी होंगे,
पर हौसला बड़ा सुहाना है,
हर मोड़ कुछ सिखाता है,
हर राह एक कहानी है,
चलते रहो तो पाओगे,
जगह जगह रवानी है,
थकान आएगी राहों में,
पर रुकना माना है यहाँ,
सपनों को सच करने का,
बस एक ही ज़रिया है चलना,
हर यात्रा कुछ दे जाती है,
यादों की गहराई बन जाती है,
मंजिल से प्यारी होती है राह,
ये ज़िन्दगी सीखा जाती है।।
तमन्ना बानो
लूणकरणसर, राजस्थान
चरखा फीचर
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